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3 Aug 2024 · 1 min read

"वो दो महीने"

“वो दो महीने”
दिसम्बर अनुभव बाँटता रहा
विवेक के नवलोक में,
जनवरी को जीवन शुरू है करना
नव-वर्ष के आलोक में।
दोनों इस कदर जुड़े हैं मानो
धागे के दो छोर,
अलग-अलग अन्दाज है मगर
साथ निभाते पुरजोर।

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