Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2024 · 1 min read

कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )

गुलाब जामुन बेशक काला होता है ,
मगर भीतर से तो मीठा होता है ।
इसीलिए गुलाब जामुन से तुम्हारा
चरित्र मेल नहीं खाता ।

काजू कतली ,बर्फी ,रसगुल्ला ,
जैसी कोई भी सफेद मिठाई ।
मीठी भी और उजली,बेदाग होती है ।
तुम्हारी फितरत का है कालिमा से गहरा नाता ।

अब बात करें तुम्हारी जलेबी की ,
वो भी तुमको रास नहीं आने की ,
किस तरह उसने तुमसे मुंह मोड़ा ।
जलेबी हो या बूंदी के लड्डू,इमरती ,
मोती चूर या कोई भी नारंगी मिठाई ।
हैं तो सभी भगवा धारी ।
भगवा धारियों का संग भी तुमको नहीं भाता ।

तो भाई वर्ण संकर जाति के मनुष्य ,
तुम्हारा किसी भी मिठाई से कोई निभा नहीं ,
तुम्हारे लिए तो कड़वा करेला ही अति उत्तम,
ऊपर से हरा,भीतर से कभी लाल और कड़वा ।
तुम्हारा चरित्र तो करेले से ही है मेल खाता।

2 Likes · 165 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

भाव हमारे निर्मल कर दो
भाव हमारे निर्मल कर दो
Rajesh Kumar Kaurav
झुकना होगा
झुकना होगा
भरत कुमार सोलंकी
आहत हो कर बापू बोले
आहत हो कर बापू बोले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तअलीम से ग़ाफ़िल
तअलीम से ग़ाफ़िल
Dr fauzia Naseem shad
अरे! डॉक्टर की बीवी हो
अरे! डॉक्टर की बीवी हो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संगीत में मरते हुए को भी जीवित करने की क्षमता होती है।
संगीत में मरते हुए को भी जीवित करने की क्षमता होती है।
Rj Anand Prajapati
तितलियों ने बाग में डाला बसेरा आज है।
तितलियों ने बाग में डाला बसेरा आज है।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
काश थोड़ा सा वक़्त, तेरे पास और होता।
काश थोड़ा सा वक़्त, तेरे पास और होता।
Manisha Manjari
🤗चुनाव 🤗
🤗चुनाव 🤗
Slok maurya "umang"
शिकायते बहुत हीं मुझे खुद से ,
शिकायते बहुत हीं मुझे खुद से ,
Manisha Wandhare
हटा 370 धारा
हटा 370 धारा
लक्ष्मी सिंह
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
Dushyant Kumar
फाग
फाग
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
शीर्षक -  आप और हम जीवन के सच
शीर्षक - आप और हम जीवन के सच
Neeraj Kumar Agarwal
...बस इतना सा ख्वाब था....
...बस इतना सा ख्वाब था....
rubichetanshukla 781
इस जग में अब सत्य का रहा ना कोई मोल
इस जग में अब सत्य का रहा ना कोई मोल
पूनम दीक्षित
I remember you in my wildest dreams
I remember you in my wildest dreams
Chaahat
..
..
*प्रणय प्रभात*
मज़दूर
मज़दूर
आशा शैली
"साहित्यकार और पत्रकार दोनों समाज का आइना होते है हर परिस्थि
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
अनंत शून्य
अनंत शून्य
Shekhar Deshmukh
जिंदगी में इतना खुश रहो कि,
जिंदगी में इतना खुश रहो कि,
Ranjeet kumar patre
नारी
नारी
Dr.Pratibha Prakash
हाय इश्क
हाय इश्क
पूर्वार्थ
हमारी तकदीर कोई संवारेगा!
हमारी तकदीर कोई संवारेगा!
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तुम्हें जब सोचते हमदम ज़माना भूल जाते हैं ।
तुम्हें जब सोचते हमदम ज़माना भूल जाते हैं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
🔥🔥कटाक्ष🔥🔥
🔥🔥कटाक्ष🔥🔥
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आभ बसंती...!!!
आभ बसंती...!!!
Neelam Sharma
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
दीपक बवेजा सरल
We make Challenges easy and
We make Challenges easy and
Bhupendra Rawat
Loading...