ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
उठ रहा मन में समन्दर क्यूँ छल रहा सारा जहाँ,
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
16. Abundance abound
Santosh Khanna (world record holder)
किए जा सितमगर सितम मगर....
जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी...
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
सब डरें इंसाफ से अब, कौन सच्चाई कहेगा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कुछ राज बड़े गहरे होते हैं ।