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22 May 2023 · 1 min read

किए जा सितमगर सितम मगर....

किए जा सितमगर सितम मगर।
सर मेरे ये इल्जाम न कर।

जो जी में आए कर जी भर,
पर व्यर्थ मुझे बदनाम न कर।

गलती जो मुझसे हुई नहीं,
जबरन वो मेरे नाम न कर।

हँसे न जग करनी पर तेरी,
ऐसा कोई तू काम न कर।

आपस की सब बातें अपनी,
यूँ बीच सभी के आम न कर।

मुझे गिरा नज़रों में सबकी,
ऊँचा तू अपना दाम न कर।

किया भरोसा तुझ पर मैंने,
उसका यूँ कत्ले आम न कर।

देख रहा करनी वह सबकी,
विधि को अपने यूँ वाम न कर।

आजा अब तो घर तू वापस,
काली जीवन की शाम न कर।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
“चयनिका” से

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