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8 Jan 2022 · 1 min read

दोस्ती अपनी जगह है आशिकी अपनी जगह

दोस्ती अपनी जगह है आशिकी अपनी जगह।
प्यार का जुगनू है काफी रौशनी अपनी जगह।
?
इश्क में आते है ऐसे मयकशी के मरहले।
बे खुदी अपनी जगह है बंदगी अपनी जगह।
?
तुम ना समझौता करो अपने उसूलों से कभी।
दुश्मनी अपनी जगह है दोस्ती अपनी जगह ।
?
अपना भी मअयार है,अपनी वकार ए जिंदगी।
तुम समंदर होंगे लेकिन हम नदी अपनी जगह।
?
देख कर रौशन तुम्हारा चेहरा ए पुरनूर को।
आंखे विसाले यार में हैं शबनमी अपनी जगह।
?
उस गजाला आंख पर कोई गजल गर लिख सकूं।
सगीर प्यार अपनी जगह है शायरी अपनी जगह।
???????
डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच।

4 Likes · 1 Comment · 527 Views
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