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2 May 2024 · 1 min read

फाग

फ़ाग का मौसम सुहाना आ गया!
ज़िंदगी के सुर सजाना आ गया!!

भूलकर मंज़र पुराने ग़म भरे!
बस ख़ुशी के गीत गाना आ गया!!

दिल को दिल से जोड़ता है जो बशर!
हाथ उसके तो खज़ाना आ गया!!

बच्चे बूढ़े नारियां भीगे सभी!
एक सा सब का ज़माना आ गया!!

छोड़ दिल की अब मुसाफ़िर बेबसी!
प्रेम के मोती लुटाना आ गया!!

धर्मेंद्र अरोड़ा “मुसाफ़िर”
संपर्क सूत्र:9034376051

Language: Hindi
1 Like · 70 Views

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