Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2023 · 1 min read

*कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम (कुंडलिया)*

कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम (कुंडलिया)
_________________________
कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम
मन में इनके बस रहे, शिवशंकर श्रीराम
शिवशंकर श्रीराम, भक्ति का दीप जलाए
चलते यह अविराम, ताल से ताल मिलाए
कहते रवि कविराय, नमन यात्रा-लड़ियों को
अभिवादन सौ बार, जल लिए कॉंवड़ियों को
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा , रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

274 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

रिश्ता
रिश्ता
डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद"
Happy new year 2024
Happy new year 2024
Ranjeet kumar patre
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं
डॉ. दीपक बवेजा
4171.💐 *पूर्णिका* 💐
4171.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुंह पर शहद और पीठ पर खंजर
मुंह पर शहद और पीठ पर खंजर
Rekha khichi
रिश्ते वही अनमोल और दिल के
रिश्ते वही अनमोल और दिल के
Dr fauzia Naseem shad
हम भी खामोश होकर तेरा सब्र आजमाएंगे
हम भी खामोश होकर तेरा सब्र आजमाएंगे
Keshav kishor Kumar
अपने ही  में उलझती जा रही हूँ,
अपने ही में उलझती जा रही हूँ,
Davina Amar Thakral
ग़ज़ल _ याद आता है कभी वो, मुस्कुराना दोस्तों ,
ग़ज़ल _ याद आता है कभी वो, मुस्कुराना दोस्तों ,
Neelofar Khan
निहार रही हूँ उस पथ को
निहार रही हूँ उस पथ को
शशि कांत श्रीवास्तव
शिक्षक दिवस पर दोहे
शिक्षक दिवस पर दोहे
Subhash Singhai
#सत्यान्वेषण_समय_की_पुकार
#सत्यान्वेषण_समय_की_पुकार
*प्रणय*
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" गुनाह "
Dr. Kishan tandon kranti
#खज़ाने का सांप
#खज़ाने का सांप
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*शाश्वत सत्य*
*शाश्वत सत्य*
Shashank Mishra
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
गैरों की भीड़ में, अपनों को तलाशते थे, ख्वाबों के आसमां में,
गैरों की भीड़ में, अपनों को तलाशते थे, ख्वाबों के आसमां में,
पूर्वार्थ
रात स्वप्न में रावण आया
रात स्वप्न में रावण आया
श्रीकृष्ण शुक्ल
जिंदगी देने वाली माँ
जिंदगी देने वाली माँ
shabina. Naaz
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
-आगे ही है बढ़ना
-आगे ही है बढ़ना
Seema gupta,Alwar
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चाट चुके सभ्यताएं...
चाट चुके सभ्यताएं...
TAMANNA BILASPURI
*मोबाइल*
*मोबाइल*
Ghanshyam Poddar
जो झूठ है वहीं सच मानना है...
जो झूठ है वहीं सच मानना है...
P S Dhami
करुण पुकार - डी के निवातिया
करुण पुकार - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
खत लिखना
खत लिखना
surenderpal vaidya
होली यादगार बनाइए
होली यादगार बनाइए
Sudhir srivastava
. *विरोध*
. *विरोध*
Rashmi Sanjay
Loading...