मितवा
मितवा
नए नए साल पर
कोई गीत गुनगुनाए
ऐसी कोई गीत हो
ऐसा कोई मीत हो
तभी तो मजा आ जाए।
सजी है महफिल
सजा है आसमां
कोई पतंग
कोई पतंग की डोर
साथ उड़ जाए।
दिलों पे अरमां
लबों पर लालिमा
2025 हैप्पी न्यू ईयर
कोई तो बोल जाए।
गीतकार/कविराज
संतोष कुमार मिरी
रायपुर छत्तीसगढ़