Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2023 · 1 min read

*अर्पण प्रभु को हो गई, मीरा भक्ति प्रधान ( कुंडलिया )*

अर्पण प्रभु को हो गई, मीरा भक्ति प्रधान ( कुंडलिया )
★★★★★★★★★★★★★★★★
अर्पण प्रभु को हो गई ,मीरा भक्ति- प्रधान
डूबी ऐसी याद में ,खुद का रहा न ध्यान
खुद का रहा न ध्यान ,प्रीति का रंग चढ़ाया
मनमोहन संबंध , साँवरे संग बढ़ाया
कहते रवि कविराय ,रूप दिखलाता दर्पण
भक्तों में सिरमौर ,भक्त मीरा का अर्पण
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451

775 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

बेरोजगारी के धरातल पर
बेरोजगारी के धरातल पर
Rahul Singh
लहरें जीवन की हों, या जल की ..
लहरें जीवन की हों, या जल की ..
पूर्वार्थ
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
Mukesh Kumar Sonkar
कशिश
कशिश
Shyam Sundar Subramanian
सूख कर कौन यहां खास ,काँटा हुआ है...
सूख कर कौन यहां खास ,काँटा हुआ है...
sushil yadav
नव वर्ष
नव वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
विनम्रता, सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व के आकर्षण थे। किसान
विनम्रता, सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व के आकर्षण थे। किसान
Shravan singh
हमें परिवर्तन के मार्ग से जुड़ना होगा, हम पहले से यहां पूर्ण
हमें परिवर्तन के मार्ग से जुड़ना होगा, हम पहले से यहां पूर्ण
Ravikesh Jha
सपने के सपनों में
सपने के सपनों में
Radha Bablu mishra
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
..
..
*प्रणय प्रभात*
सुनो
सुनो
sheema anmol
होली गीत ।। रचनाकार : अरविंद भारद्वाज
होली गीत ।। रचनाकार : अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
* चाह भीगने की *
* चाह भीगने की *
surenderpal vaidya
मेरे सपने
मेरे सपने
Saraswati Bajpai
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
खरी और सच्ची गादी है/ वागेश्वर धाम पर आधारित लंबा गीत
खरी और सच्ची गादी है/ वागेश्वर धाम पर आधारित लंबा गीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
समर्पण.....
समर्पण.....
sushil sarna
रिश्ते
रिश्ते
Neeraj Kumar Agarwal
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
इश्क चख लिया था गलती से
इश्क चख लिया था गलती से
हिमांशु Kulshrestha
वो चिट्ठी
वो चिट्ठी
C S Santoshi
रोक दो ये पल
रोक दो ये पल
Surinder blackpen
" सुनो "
Dr. Kishan tandon kranti
तेरी बेरुखी इस कदर
तेरी बेरुखी इस कदर
Chitra Bisht
जीना होता आज
जीना होता आज
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कविता
कविता
Rambali Mishra
4666.*पूर्णिका*
4666.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जय जोहार
जय जोहार
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...