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8 Oct 2024 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

चाँद की लालसा में धरती से मुख क्यों मोड़ लें हम
अवसर की तलाश में रिश्तों से मुख क्यों मोड़ लें हम l
किसी के दुख दर्द से आंखें क्यों फ़ेर लें हम
क्यों नहीं किसी के दुख दर्द में साथी होते हम ll

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

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