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2 Jul 2023 · 1 min read

रिश्ते

रिश्ते

पल-पल में फ़ितरत बदले, आजकल लोग जमाने में
रिश्ते को ताक पर रखते,रहते हैं सिर्फ धन कमाने में

जिंदगी की आपाधापी में,सबकुछ अपना बिखर रहा
रोज उम्र घट रही, वक़्त हाँथ से कुछ यूँ फिसल रहा

उलझन है बढ़ती जाती,साथ कोई नहीं निभाने को
सही गलत के बदलते मायने, रह गए यही बताने को

किस्मत जाने क्यों रूठी है, जग ये क्यों रूठा सा है
है लोग अपने लेकिन ,कुछ -कुछ टूटा -टूटा सा है

ममता रानी
झारखंड
स्वरचित✍️

7 Likes · 4 Comments · 436 Views
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