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12 Jun 2023 · 1 min read

जब बूढ़ी हो जाये काया

जब बूढ़ी हो जाये काया, साथ ना कोई आये,
उम्र के आखरी पड़ाव तक ,
जीवनसाथी ही एक दूजे के काम आते ।

अपना फर्ज निभाया उन्होंने,
दिए अच्छे शिक्षा और संस्कार।

पग -पग में संभाला अच्छे बुरे का समझ बढ़ाया,
कर काबिल तुम्हें, इस दुनियां में रहना सिखलाया।

अब कवच बन उनकी, साथ उनका निभाना होगा
प्रेम ,सुरक्षा का भाव बनाके, साथ उनके रहना होगा

गर्व उन्हें हो अपने बच्चे पे,
अपने दिए संस्कार और परवरिश पर।

खूबसूरत सा आवरण हो, प्रेम साथ और सम्मान का,
चाहत तो है माँ -बाप की इतनी,बच्चे रखे मान बात का

ममता रानी
झारखंड

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