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4 Sep 2024 · 1 min read

*ठहाका मारकर हँसने-हँसाने की जरूरत है【मुक्तक】*

ठहाका मारकर हँसने-हँसाने की जरूरत है【मुक्तक】
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ठहाका मारकर हँसने-हँसाने की जरूरत है
गमों के बोझ को हल्का बनाने की जरूरत है
कई मन ,मन में जो मनहूसियत के संग बैठे हैं
उन्हें कुछ चुटकुले लाकर सुनाने की जरूरत है
—————————————————
मन = ह्रदय , पुराने जमाने में ग्राम और किलोग्राम की तरह ही वजन बताने का मापदंड
—————————————————-
रचयिता:रवि प्रकाश,बाजार सर्राफा
रामपुर उ.प्र.
मो. 9997615451

Language: Hindi
71 Views
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