Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
12 Sep 2024 · 1 min read

अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...

अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय…
ढूंढना होगा मिल के कोई ठोस उपाय!
न्याय की तलाश में दर-दर भटक रहे हम,
सरकार सो रही, हल तो कोई बताय।

…. अजित कर्ण ✍️

Loading...