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26 Mar 2023 · 1 min read

■ आज का मुक्तक

#मुक्तक…
■ बोलते हैं खंडहर…
दूर रहिए और दूर से ही गुज़र जाइए। जर्जर दीवारें मामूली सी आहट से भी धराशायी हो जाती हैं अक़्सर।।
■ प्रणय प्रभात ■

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