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9 Feb 2023 · 1 min read

श्री रामजी

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श्री राम
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राम वन जाते नहीं , बनते न भगवान,
अवध के मात्र नृप रामजी कहाते जी ।
लेती जो न केकयी बुराई संग मंथरा के,
केवट के द्वारे कभी राम नहीं आते जी ।
घूमते न घाट-वन जंगल में रघुनाथ ,
हनुमान जैसे भक्त कैसे राम पाते जी ।
हरण न होता नहीं रावण ही मरता यों,
देश में दशहरा को ऐसे न मनाते जी ।

राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
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