कभी मिलूँगा तुमसे से दोहराऊँगा सारी बातें…

कभी मिलूँगा तुमसे से दोहराऊँगा सारी बातें…
……तुम्हारी पसंद से बियाही गयी हो, या घरवालों ने एक फोटो तक नही दिखाया,या जल्दी जल्दी में बुलाया तुम्हें दफ्तर से तुम्हारे, या फिर धमका दिया, या फिर वही इज्जत का सवाल है कह के बियाह दी गई हो,
क्या लड़के वाले सारी शर्ते मान गए थे,
जैसे एक दूसरे से बात ना करना,
या चोरी छुपे बातें हुईं थी तुम्हारी,
और हाँ….क्या उसको भी कहा था तुमने! घर गर रहूँ तो फोन मत करना,
या सुनाई थी कोई झूठी कहानी
या बता दिया था उसे वो सब कुछ “सच” जो आज भी कही सुरक्षित है
क्या तुमने उसे भी कोई गिफ्ट दिया था शादी से पहले..जैसे मेरे लाख मना करने पर तुमने मुझे दिया था,,
खैर.. !
अंगूठी का माप दिया तुम ने या आज भी अलमारी के किसी खान में रखी हुई है,
डिमांड तो करी ही न होगी वर पक्ष वालों ने,,
लेहन्गा तो शायद ही लिया हो, पसंद जो नहीं था तुम्हें पहनना,
अच्छा ये भी बताना पति ने सेरवानी से मैच तो किया ही होगा,,
चलो अब अंकुश लगता हूँ अपने सवालों पर जबाब देना चाहोगी….
चाहो तो मना कर सकती हो..
घबराओ मत..
यहाँ कोई नही आयेगा, ये ख्यालों की दुनिया मेरी..
यहाँ सिर्फ तुम और मैं ही होते हैं…
हल्के से अंधेरे में किसी चलती सड़क के किनारे.
गाड़ी के बोनेट पे आधे से बैठे हुए…
केवल तुम और मैं ही होते हैं बस.. .. .. .. .. ..
कभी मिलूँगा तुमसे तो दोहरायूंगा सारी बातें..
और फिर तुम सच में जबाब देना…
सच्चा ख्याल