वाणी और पानी दोनों में ही छवि नजर आती है; पानी स्वच्छ हो तो

वाणी और पानी दोनों में ही छवि नजर आती है; पानी स्वच्छ हो तो चित्र नजर आता है, वाणी मधुर हो तो चरित्र नजर आता है।
Shubhkaran Prajapati
वाणी और पानी दोनों में ही छवि नजर आती है; पानी स्वच्छ हो तो चित्र नजर आता है, वाणी मधुर हो तो चरित्र नजर आता है।
Shubhkaran Prajapati