कुछ ऐसी बाते हमारे अंदर होती है जिसे हम किसी को बता नहीं पात

कुछ ऐसी बाते हमारे अंदर होती है जिसे हम किसी को बता नहीं पाते है और फिर वह बात जब जब हमें याद आती है हम अकेले में जोर जोर से रोने लगते है और फिर थोड़ी देर बाद मन हल्का हो जाता है, सबके साथ हम कितने हँसते मुस्कुराते है लोगों को लगता है की यह बहुत खुश है लेकिन हमारा दुःख दर्द पीड़ा हम ही जानते है वो बात हमें दीमक की तरह अंदर ही अंदर हर रोज खाती रहती है एक घुटन सी महसूस होती है और इसी तरह धीरे धीरे हम खत्म हो जाते है तभी एहसास होता है की अंतर्मन में चला संघर्ष वाकई जान लेवा होता है, इसीलिए चुप रहना हल नहीं है..