Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2022 · 1 min read

जेण्डर समानता

बेटा-बेटी एक समान,
दोनों है प्रकृति का वरदान।
बेटा हीरा है,तो होती है बेटी मोती,
सूरज की किरन है एक,तो एक चांद की ज्योति।
प्रकृति में पांच तत्व हैं,
छिति, जल ,पावक ,गगन, समीर।
पुरूष में भी पांच तत्व हैं
छिति,जल,पावक,गगन,समीर।
नारी में भी वही आत्मा पुरूष में भी वही
फिर दोनों में भेद है कैसा ?
नारी फिर क्यों जिन्दाजली।
अहं ब्रह्मस्मि ! शिवोअहम् का भाव जानकर
सबने पायी मुक्ति।
बेटा बेटी एक मानो तो पाजाओगे भक्ति।
सुविधा से निरंतरता में छुपा हुआ है।
सम्मान भी यहीं कहीं ।।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 160 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ମୁଁ ତୁମକୁ ଭଲପାଏ
ମୁଁ ତୁମକୁ ଭଲପାଏ
Otteri Selvakumar
*तपन*
*तपन*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
The Saga Of That Unforgettable Pain.
The Saga Of That Unforgettable Pain.
Manisha Manjari
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हु
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हु
Rituraj shivem verma
चुनावी घोषणा पत्र
चुनावी घोषणा पत्र
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रेशम के धागे में बंधता प्यार
रेशम के धागे में बंधता प्यार
सुशील भारती
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विसर्जन
विसर्जन
Deepesh Dwivedi
मुझ को उस समय दगा मिला
मुझ को उस समय दगा मिला
Anil chobisa
Green India Healthy India
Green India Healthy India
SUNDER LAL PGT ENGLISH
*कलियुगी मंथरा और परिवार*
*कलियुगी मंथरा और परिवार*
Sanjay ' शून्य'
तेरे कदमो की आहट ने
तेरे कदमो की आहट ने
योगी कवि मोनू राणा आर्य
शर्माती हुई जब वो बगल से चली जाती है
शर्माती हुई जब वो बगल से चली जाती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरा दामन भी तार- तार रहा
मेरा दामन भी तार- तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
कदीमी याद
कदीमी याद
Sangeeta Beniwal
17. I am never alone
17. I am never alone
Santosh Khanna (world record holder)
Life equations
Life equations
पूर्वार्थ
रंग दी कहानियाँ मैंने
रंग दी कहानियाँ मैंने
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
पर्वत के जैसी हो गई है पीर  आदमी की
पर्वत के जैसी हो गई है पीर आदमी की
Manju sagar
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Love ❤
Love ❤
HEBA
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
Suryakant Dwivedi
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
दूर न जा नजरों से
दूर न जा नजरों से
Jyoti Roshni
AI का रोजगार पर प्रभाव
AI का रोजगार पर प्रभाव
अरशद रसूल बदायूंनी
इश्क़ में  क्या अज़ाब है साहिब,
इश्क़ में क्या अज़ाब है साहिब,
पंकज परिंदा
*Rising Waves*
*Rising Waves*
Veneeta Narula
आत्म दीप की थाह
आत्म दीप की थाह
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति क्या है
अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति क्या है
प्रेमदास वसु सुरेखा
"आक्रात्मकता" का विकृत रूप ही "उन्माद" कहलाता है। समझे श्रीम
*प्रणय प्रभात*
Loading...