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29 Sep 2021 · 1 min read

तुम सा नही…!

डरे-डरे से रहते हो,
ह्रदय की न बात कहते हो।
प्रेम रस में बहकर भी,
इंद्रजीत से रहते हो।
– रघु

Language: Hindi
331 Views

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