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18 Dec 2024 · 1 min read

रिश्ते बनते रहें इतना ही बहुत हैं, सब हँसते रहें इतना ही बहु

रिश्ते बनते रहें इतना ही बहुत हैं, सब हँसते रहें इतना ही बहुत हैं, हर कोई हर वक़्त साथ नहीं रह सकता, एक दूसरे को याद करते रहें इतना ही बहुत हैं। जीवन मे कुछ बनना है तो विनम्र रहना सीखो, क्योकि एक छोटे से बीज को भी पेड़ बनने के लिए जमीन के नीचे दबना पड़ता है…🙏🏃🏻जागते रहिए। आज हमारे धर्म को हमारे अपनो द्वारा ही लक्ष्य बनाया जा रहा है। इसलिए हमे एकजुट रहने की, अपने धर्म के प्रति एकता और अखंडता दिखाने की ज्यादा जरूरत है। धर्म हैं तो हम हैं, हम हैं तो राष्ट्र हैं और राष्ट्र है तो धर्म और हम सुरक्षित है, इस बात का सदैव स्मरण रखे। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् … भारत माता की जय 🚭‼️

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