Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर– राम गीत।

यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर,
यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर,
भाग्य रेखा को ऐसा बनाना पड़ा।
त्याग करके परम धाम बैकुंठ को,
रूप धरकर के धरती पे आना पड़ा।।

एक जनहित के व्रत को लिए हर घड़ी,
सूल के मार्ग पर यूं ही चलना पड़ा।
एक तरफ पूर्ण वैभव व यश था मगर,
राम को राम बनके ही रहना पड़ा।।
यूं कठिन राह……..

कि मोह जीवन में कोई ना रखते हुए,
दूसरों का ही जीवन बनाते रहे।
खुद का जीवन ही खुद से पृथक था मगर,
राम से पूर्व हे राम बनना पड़ा।।
यूं कठिन राह…….

लेखक/कवि
अभिषेक सोनी “अभिमुख”

114 Views

You may also like these posts

लहरों पर होकर सवार!चलना नही स्वीकार!!
लहरों पर होकर सवार!चलना नही स्वीकार!!
Jaikrishan Uniyal
अद्वितीय प्रकृति
अद्वितीय प्रकृति
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
#निर्विवाद...
#निर्विवाद...
*प्रणय*
कुछ लोग ज़िंदगी में
कुछ लोग ज़िंदगी में
Abhishek Rajhans
ज़िन्दगी दर्द का
ज़िन्दगी दर्द का
Dr fauzia Naseem shad
निंदक सज्जन को करें ,एक मात्र बदनाम ।
निंदक सज्जन को करें ,एक मात्र बदनाम ।
Dr. Sunita Singh
निशब्द
निशब्द
NAVNEET SINGH
वो मेरा है
वो मेरा है
Rajender Kumar Miraaj
4524.*पूर्णिका*
4524.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही*
*जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्यों
क्यों
Ragini Kumari
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
शेखर सिंह
वंदना
वंदना
पंकज परिंदा
कुछ नया लिखना है आज
कुछ नया लिखना है आज
करन ''केसरा''
रोक दो ये पल
रोक दो ये पल
Surinder blackpen
बरसात आने से पहले
बरसात आने से पहले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
फ़ैसले का वक़्त
फ़ैसले का वक़्त
Shekhar Chandra Mitra
स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां
स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां
Madhuri mahakash
World Hypertension Day
World Hypertension Day
Tushar Jagawat
कहानी-
कहानी- "हाजरा का बुर्क़ा ढीला है"
Dr Tabassum Jahan
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कविता
कविता
Nmita Sharma
बजाओ धुन बस सुने हम....
बजाओ धुन बस सुने हम....
Neeraj Agarwal
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
Dr Manju Saini
बदनसीब डायरी
बदनसीब डायरी
Dr. Kishan tandon kranti
"तुम कब तक मुझे चाहोगे"
Ajit Kumar "Karn"
ग़ज़ल _ आइना न समझेगा , जिन्दगी की उलझन को !
ग़ज़ल _ आइना न समझेगा , जिन्दगी की उलझन को !
Neelofar Khan
यदि होना होगा, तो तूझे मेरा होना होगा
यदि होना होगा, तो तूझे मेरा होना होगा
Keshav kishor Kumar
आज अचानक आये थे
आज अचानक आये थे
Jitendra kumar
मनुज न होता तो ऐसा होता
मनुज न होता तो ऐसा होता
उमा झा
Loading...