Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2024 · 1 min read

बरसात आने से पहले

पिछले नवरात्र में कहे थे
आने को पर आये नही,
चलो बरसात आने से पहले
अगर आ जाओ तो सही।

गेहूँ कट कर खलिहान
में सारे आ गये है,
गन्ने पक कर पेराई का
इंतजार कर रहे है।

सरसो सारे पियरा कर
झरने लग गये है,
कोल्हू जाने का इंतजार
ये सब करने लगे है।

बाबू की तबियत अनवरत
बिगड़ती जा रही,
अम्मा की खाँसी है कि
कभी रुकती ही नही ।

पिछले माह से बबुअन
की फीस का बकाया है,
जोहती तुम्हारी बाट है
लंबी हो चली साया है।

किसी तरह अभी तक
सब संभाल पा रही हूँ,
पर प्रियतम अब मेरे
बस का ये सब नही है।

बस आरजू है हमारी
बिना देर किये आ जाना,
निर्मेष अवांछित घटने पर
हमसे कुछ मत कहना।

निर्मेष

1 Like · 122 Views
Books from Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
View all

You may also like these posts

इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
सरसी छंद
सरसी छंद
seema sharma
'अहसास' आज कहते हैं
'अहसास' आज कहते हैं
Meera Thakur
विरह व्यथा
विरह व्यथा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
*अंतर्मन में राम जी, रहिए सदा विराज (कुंडलिया)*
*अंतर्मन में राम जी, रहिए सदा विराज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ज़िंदगी  है  गीत  इसको  गुनगुनाना चाहिए
ज़िंदगी है गीत इसको गुनगुनाना चाहिए
Dr Archana Gupta
रमेशराज की जनकछन्द में तेवरियाँ
रमेशराज की जनकछन्द में तेवरियाँ
कवि रमेशराज
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
प्रेम एक ऐसा मार्मिक स्पर्श है,
प्रेम एक ऐसा मार्मिक स्पर्श है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लुट गया है मक़ान किश्तों में।
लुट गया है मक़ान किश्तों में।
पंकज परिंदा
2909.*पूर्णिका*
2909.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फिसला जाता रेत सा,
फिसला जाता रेत सा,
sushil sarna
"धन-दौलत" इंसान को इंसान से दूर करवाता है!
Ajit Kumar "Karn"
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
#कविता:–
#कविता:–
*प्रणय*
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
Shweta Soni
एक अधूरी चाह
एक अधूरी चाह
RAMESH Kumar
खुशियाँ तुमसे -है
खुशियाँ तुमसे -है
शशि कांत श्रीवास्तव
अंधेरों में कटी है जिंदगी अब उजालों से क्या
अंधेरों में कटी है जिंदगी अब उजालों से क्या
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
डमरू की डम डम होगी, चारो ओर अग्नि प्रहार।
डमरू की डम डम होगी, चारो ओर अग्नि प्रहार।
श्याम सांवरा
This generation was full of gorgeous smiles and sorrowful ey
This generation was full of gorgeous smiles and sorrowful ey
पूर्वार्थ
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
- सवालों के जवाब -
- सवालों के जवाब -
bharat gehlot
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
Dr fauzia Naseem shad
"मधुमास बसंत"
राकेश चौरसिया
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Neeraj Agarwal
हमने हर रिश्ते को अपना माना
हमने हर रिश्ते को अपना माना
Ayushi Verma
मेरे प्यारे बच्चों
मेरे प्यारे बच्चों
Abhishek Rajhans
संजय ने धृतराष्ट्र से कहा -
संजय ने धृतराष्ट्र से कहा -
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
" उधार का सूद "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...