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11 May 2024 · 1 min read

कर सकता नहीं ईश्वर भी, माँ की ममता से समता।

कर सकता नहीं ईश्वर भी, माँ की ममता से समता।
नौ मास कोख में रखने की, नहीं उसमें भी क्षमता।
अतुलनीय है त्याग, अकल्पनीय समर्पण उसका।
थम जाए व्यापार जग का, प्यार न माँ का थमता।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

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