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10 Mar 2021 · 1 min read

मेरा देश

है सौभाग्य ये मेरा,,
कि ये भारत की धरती है।
पश्चिम-सभ्यता झुककर,,
जिसे प्रणाम करती है।।
जिसके चरणों को सागर-सलिल स्पर्श करता है।
जिसका जय-गान करने को अम्बर भी गरजता है।।
जिसकी नदियाँ हैं पावन,, गगन जिसका निराला है।
जहाँ उगता सदा-सूरज,,जहां रंग काला उजाला है।।
_______________________
—–भविष्य त्रिपाठी,,,
—-“मेरा देश” से!!!

Language: Hindi
347 Views

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