Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2024 · 1 min read

*सत्पथ पर चलना सिखलाते, अग्रसेन भगवान (गीत)*

सत्पथ पर चलना सिखलाते, अग्रसेन भगवान (गीत)
_________________________
सत्पथ पर चलना सिखलाते, अग्रसेन भगवान
1)
देवलोक से बढ़ अग्रोहा, सुंदर नगर बसाया
भेदभाव से रहित वहॉं पर, सबको गले लगाया
रचे अठारह गोत्र अलौकिक, दे समान सम्मान
2)
हृदय भरा था ममता-मूलक, आप अहिंसा-साधक
प्रथा मिटा दी पशुबलि वाली, हुआ न कोई बाधक
नहीं यज्ञ में होता है अब, पशुओं का बलिदान
3)
एक ईंट-रुपए की अद्भुत, समता-रीति चलाई
नहीं रहा अग्रोहा में यों, निर्धन कोई भाई
सबको दिया मकान आपने, आजीविका प्रदान
सत्पथ पर चलना सिखलाते, अग्रसेन भगवान

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश 244901
मोबाइल/व्हाट्सएप 9997615451

52 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

ग़ज़ल _ टूटा है चांद वही , फिर तन्हा - तन्हा !
ग़ज़ल _ टूटा है चांद वही , फिर तन्हा - तन्हा !
Neelofar Khan
दान योग्य सुपात्र और कुपात्र
दान योग्य सुपात्र और कुपात्र
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कृपा का हाथ
कृपा का हाथ
Dr.Pratibha Prakash
Activities for Environmental Protection
Activities for Environmental Protection
अमित कुमार
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
डॉक्टर रागिनी
gazal
gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"इतिहास"
Dr. Kishan tandon kranti
राख के धुंए में छिपा सपना
राख के धुंए में छिपा सपना
goutam shaw
Topic Wait never ends
Topic Wait never ends
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
VINOD CHAUHAN
वैश्विक खतरे के बदलते स्वरूप में भारत की तैयारी
वैश्विक खतरे के बदलते स्वरूप में भारत की तैयारी
Sudhir srivastava
*सच कहने में सौ-सौ घाटे, नहीं हाथ कुछ आता है (हिंदी गजल)*
*सच कहने में सौ-सौ घाटे, नहीं हाथ कुछ आता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
" दिल की समझ "
Yogendra Chaturwedi
■ध्यान रखना■
■ध्यान रखना■
*प्रणय*
ये तेरी यादों के साएं मेरे रूह से हटते ही नहीं। लगता है ऐसे
ये तेरी यादों के साएं मेरे रूह से हटते ही नहीं। लगता है ऐसे
Rj Anand Prajapati
सड़कों पे डूबते कागज़
सड़कों पे डूबते कागज़
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
रोटी
रोटी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बंटोगे तो कटोगे
बंटोगे तो कटोगे
gurudeenverma198
4541.*पूर्णिका*
4541.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कितने सावन बीत गए.. (सैनिक की पत्नी की मीठी मनुहार)
कितने सावन बीत गए.. (सैनिक की पत्नी की मीठी मनुहार)
पं अंजू पांडेय अश्रु
इस तरह कुछ लोग हमसे
इस तरह कुछ लोग हमसे
Anis Shah
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सोचा था सन्तान ही,
सोचा था सन्तान ही,
sushil sarna
फिलिस्तीन इजराइल युद्ध
फिलिस्तीन इजराइल युद्ध
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ऐ ज़िन्दगी...!!
ऐ ज़िन्दगी...!!
Ravi Betulwala
लक्ष्य गर समक्ष है तो
लक्ष्य गर समक्ष है तो
अर्चना मुकेश मेहता
कमी नहीं
कमी नहीं
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
प्रेम कई रास्तों से आ सकता था ,
प्रेम कई रास्तों से आ सकता था ,
पूर्वार्थ
Loading...