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2 Sep 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

चिंता है उन्हें GDP गिर जाने का
मिल गया मुद्दा दिल बहलाने का ।
सत्ता और विपक्ष दोनों हैं गिरे हुए
मगर चिंता है बस कुर्सी उठाने का ।
एक से एक हैं आर्थिक विश्लेषक
काम ,न्यूज़ चैनलों पे चिल्लाने का ।
कोई बताता है आकड़े अकड़ कर
कोई कहता वक्त नहीं घबड़ाने का ।
उलझन में है जनता जनार्दन यहाँ
पता नहीं कब अच्छे दिन आने का ।
करोगे ज्यादा बकबक अजय तुम
ठेका लिया है तुमने देश चलाने का।
-अजय प्रसाद

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