आज़ाद गज़ल
चिंता है उन्हें GDP गिर जाने का
मिल गया मुद्दा दिल बहलाने का ।
सत्ता और विपक्ष दोनों हैं गिरे हुए
मगर चिंता है बस कुर्सी उठाने का ।
एक से एक हैं आर्थिक विश्लेषक
काम ,न्यूज़ चैनलों पे चिल्लाने का ।
कोई बताता है आकड़े अकड़ कर
कोई कहता वक्त नहीं घबड़ाने का ।
उलझन में है जनता जनार्दन यहाँ
पता नहीं कब अच्छे दिन आने का ।
करोगे ज्यादा बकबक अजय तुम
ठेका लिया है तुमने देश चलाने का।
-अजय प्रसाद