Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2024 · 1 min read

भीतर का तूफान

क्या तेजी दिखाए यह तुफान ?
कितना नुकसान करेगा अपने क्रोध से?
झकझोर दे बेशक, जीवन की सुगमता
हिला दे धरती वृक्षो की, जमी जडे
उठा के पटक दे, मछलियो को
ताल से सडक पर
मजबूर कर दे निडर पशुओ को
दुबक सहम जाने के लिए
चींटी, चूहो, सापों को
अपने घर से बेघर हो जाने के लिए
अपने यौवन मे फल और फूल को
आकस्मिक मौत पाने मे
वो उतना विनाशी कभी नही हो सकता
जो उपजता है इंसा मन के झंझावात से
लालच, कुठा और अभिमान के सैलाब से
जिसका वेग उठाने को कर देता है मजबूर
करने को कत्ल, विस्फोट और युद्ध
नही पसीजता पूरे समाज, संस्कृति के समूल नाश को
रखना ही होगा इंसा को अपने भीतर के तूफान को
भीतर ही कैद करने का जतन
क्योंकि बाहर का तूफान तो कुछ देर ही
तांडव कर शांत हो जाएगा
पर भीतर का तूफान अस्त व्यस्त कर देगा सदा के लिए
अपने साथ अपने पूरे परिवेश को

संदीप पांडे”शिष्य” अजमेर

Language: Hindi
3 Likes · 258 Views
Books from Sandeep Pande
View all

You may also like these posts

सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ग़म बहुत है दिल में मगर खुलासा नहीं होने देता हूंI
ग़म बहुत है दिल में मगर खुलासा नहीं होने देता हूंI
शिव प्रताप लोधी
उसकी ख़ामोश आहें
उसकी ख़ामोश आहें
Dr fauzia Naseem shad
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हमारी रूह ले गए हो।
हमारी रूह ले गए हो।
Taj Mohammad
हम सीवान के लड़के हैं
हम सीवान के लड़के हैं
Nitu Sah
रावण जी को नमन
रावण जी को नमन
Sudhir srivastava
"प्रेम कर तू"
Dr. Kishan tandon kranti
आखरी मुलाकात
आखरी मुलाकात
पूर्वार्थ
वक़्त
वक़्त
विजय कुमार अग्रवाल
I love you Shiv
I love you Shiv
Arghyadeep Chakraborty
श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना।
श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना।
Abhishek Soni
❤️एक अबोध बालक ❤️
❤️एक अबोध बालक ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
एकाधिकार
एकाधिकार
अंकित आजाद गुप्ता
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
VEDANTA PATEL
इंतजार करते रहे हम उनके  एक दीदार के लिए ।
इंतजार करते रहे हम उनके एक दीदार के लिए ।
Yogendra Chaturwedi
चल चित्र का संसार
चल चित्र का संसार
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
Neelam Sharma
शिव शंभू भोला भंडारी !
शिव शंभू भोला भंडारी !
Bodhisatva kastooriya
1222   1222   1222   1222
1222 1222 1222 1222
Johnny Ahmed 'क़ैस'
भोर काल से संध्या तक
भोर काल से संध्या तक
देवराज यादव
मन करता है नील गगन में, पंछी बन उड़ जाऊं
मन करता है नील गगन में, पंछी बन उड़ जाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
4124.💐 *पूर्णिका* 💐
4124.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग..... मिलन की चाह
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग..... मिलन की चाह
Neeraj Agarwal
मातृभाषा हिंदी
मातृभाषा हिंदी
Nitesh Shah
दोहे - डी के निवातिया
दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
..
..
*प्रणय*
देवताई विश्वास अंधविश्वास पर एक चिंतन / मुसाफ़िर बैठा
देवताई विश्वास अंधविश्वास पर एक चिंतन / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Loading...