Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2020 · 2 min read

कोरोना चालीसा

दोहा :

श्रीशुरु कोरन रोज रज, निज में पकड़ू कपारी;
नरनारू रहबर मल-मूत्र, जो दाई कुफल मारी।
बुद्धिहीन मन जानकर, सुमिरन वुहान-कुमार;
बल बुद्धि विदया लेहु मोहिं, काहु वयरस-विकार।

चौपाई :

जय कोरूमान विपद सप्तसागर;
जय कोरिस तिहुं परलोक उजागर।

मृत्युदूत अतुलनीय बल धामा;
वुहानपुत्र चीनसुत नामा।

अहा ! वीर पराक्रम रंगी-बिरंगी;
मति मार कुबुद्धि के संगी।

कोरन वरण महीराज उबेसा;
आनन-फानन कुंडल गंदगी लेशा।

हाथमिलाऊ औ सजा विराजै;
कांधे मौत साँसउ आजै।

अंकड़-बंकड़ चीनीनंदन;
तेज ताप भगा जगरुदन।

विद्यावान गुणी आ चातुर;
मातम काज करिबे को आतुर।

मृत्युचरित सुनबे रंगरसिया;
इक मीटर निके मन बसिया।

अतिसूक्ष्म रूपधरि सिंह कहावा;
प्रकट रूपधरि कलंक करावा।

बीमा रूपधरि मौत दिलारे;
यमचंद्र के राजदुलारे।

लाय सजीवन कोरन भगायो;
पल-पल मौत अट्ठहास करायो।

मृत्युपति इन्ही बहुत बड़ाई;
तुम अप्रिय सगा नहीं भाई।

सहस बदन तुमसे नाश गवावै;
अस रही प्रेमीपति अंटशंट कहावै।

सनकी बहकी कह मरीजसा;
गारद ज्यों भारत सहित लेशा।

जम कुबेर अमरीका योरप जहाँ ते;
कवि इंटरनेट डब्ल्यूएचओ कहाँ ते।

तुम उपकार जो टीका खोजिन्हा;
कौन बचाय राज पद लीन्हा।

तुम्हरो मंत्र सरकारन माना;
नोरथ कोरियन भी कोरोना जाना।

युग सहस्र कोरन पर भानू;
लील्यो जान मधुर फल जानू।

ना हस्तिका ना मिलाय मुख माहीं;
जलधि लांघि आये अचरज नाहीं।

दुर्गम लाज जगत को देते;
सुगम समाजक दूरे तुम्हरे जेते।

आराम अंगारे हम रखवारे;
होत न इलाज बिन पैसारे।

सब सुख गए तुम्हारी करणा;
तुम भक्षक तुहु कोरोना।

आपन तेज बुखारो आपै;
तीनों लोक तुमसे काँपै।

भूत पि-चास वायरस नहीं आवै;
सोशल डिस्टेंसिंग नाम सुनावै।

नाशक रोग तबे जब शीरा;
जपत निरंतर संयम अउ समीरा।

संकट पे लोकडाउन छुड़ावै;
मन कम वचन ध्यान जो दिलावै।

सब पर वजनी कोरोना राजा;
काम-काज ठपल गिरी गाजा।

और मनोरथ कछु नहीं पावै;
सोई किस्मत रोई कल जावै।

कलियुग में संताप तुम्हारा;
है कुसिद्ध संसार उजियारा।

हंता-अंत भी नाश हुआरे;
घृणित तुम अँगार कहाँरे।

अष्ट सिद्धि नौरात्र सुहाता;
असीस लीन हे शक्तिमाता।

दुर्लभ एन्टीडॉट किनके पासा;
क्यों सदा रह्यो तुम्हरे दासा।

तुम्हरे भजन मृत्यु को पावै;
जनम-जनम के दुख दिलावै।

अन्तकाल मानव क्या आई;
जहां जनम तहाँ मौत कहाई।

और सोवता छोड़ तु भगई;
कोरोना सेइ सब सुख जई।

संकट कटै मिटै कब पीड़ा;
किसे सुमिरै कि महामइरा अधीरा।

जै जै जै कोरोना वायरसाई;
कृपा करहु मुझपर हे साई।

जो संयम दूरी बरत मास्क लगाई;
छूटहि व्याधिमहा तब सुख होई।

जो यह पढ़ै कोरोना वुहान चालीसा;
कोविड नाइन्टीन से हुए दूरीसा।

पाल नंद सदा कर्फ़्यू संयम के चेरा;
कीजै नाथ अ-हृदय अहम ने डेरा।

दोहा :

वुहान तनय कब विकट हरन, मंगल तु शक्तिरूप;
मम परिवार मित्र जगतसहित, दुरहु शीघ्र हउ भूप।

Language: Hindi
1 Like · 15 Comments · 313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*लम्हे* ( 24 of 25)
*लम्हे* ( 24 of 25)
Kshma Urmila
अनुराग मेरे प्रति कभी मत दिखाओ,
अनुराग मेरे प्रति कभी मत दिखाओ,
Ajit Kumar "Karn"
आज यानी 06 दिसंबर अर्थात 05 शताब्दीयो से भी ज्यादा लम्बे काल
आज यानी 06 दिसंबर अर्थात 05 शताब्दीयो से भी ज्यादा लम्बे काल
ललकार भारद्वाज
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
क्यों दोष देते हो
क्यों दोष देते हो
Suryakant Dwivedi
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
Dr.Priya Soni Khare
प्रिए है मधुशाला
प्रिए है मधुशाला
शान्ति स्वरूप अवस्थी
प्रत्युत्तर
प्रत्युत्तर
Jyoti Pathak
राधिका मनमीत मोहन श्याम साँवरिया।
राधिका मनमीत मोहन श्याम साँवरिया।
Neelam Sharma
यक्षिणी-9
यक्षिणी-9
Dr MusafiR BaithA
"राहों की बाधाओं से ,
Neeraj kumar Soni
ভাল পাওঁ
ভাল পাওঁ
Arghyadeep Chakraborty
ଏଭଳି ସ୍ଥିତି ଉପୁଜିଛି
ଏଭଳି ସ୍ଥିତି ଉପୁଜିଛି
Otteri Selvakumar
तिनका तिनका सजा सजाकर
तिनका तिनका सजा सजाकर
AJAY AMITABH SUMAN
भरोसा है मुझे
भरोसा है मुझे
Sanjay Narayan
मेरे अंतस में ......
मेरे अंतस में ......
sushil sarna
*गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप (कुंडलिया)*
*गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अंजानी सी गलियां
अंजानी सी गलियां
नेताम आर सी
नहीं-नहीं प्रिये
नहीं-नहीं प्रिये
Pratibha Pandey
कुछ लिख के सो,
कुछ लिख के सो,
साहिल कुमार
नेम प्रेम का कर ले बंधु
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेरे दिल में है अहमियत कितनी
तेरे दिल में है अहमियत कितनी
Dr fauzia Naseem shad
शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
अशोक वाटिका खोजे हनुमान
अशोक वाटिका खोजे हनुमान
डॉ. शिव लहरी
जिन्दगी तू तो बड़ी बेजोड़ है
जिन्दगी तू तो बड़ी बेजोड़ है
Ragini Kumari
खिड़की में भीगता मौसम
खिड़की में भीगता मौसम
Kanchan Advaita
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
Keshav kishor Kumar
"तू मीरा दीवानी"
Dr. Kishan tandon kranti
विधा-कुंडलिया छंद
विधा-कुंडलिया छंद
पूनम दीक्षित
*मौन की चुभन*
*मौन की चुभन*
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
Loading...