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15 Dec 2019 · 1 min read

बतलायें अब कौन !!

मुरझाये चेहरे सभी, बैठे सब क्यों मौन !
दहशत सी है क्यों यहां, बतलाये अब कौन !!

अमर हुए थे जो कभी, देकर अपनी जान !
घबराये वो आज क्यों, बतलायें अब कौन !!

आज कौन ये छल रहा, भारत के अरमान !
चेहरों पर नकाब चढ़े, बतलायें अब कौन !!

मिटे सदा ही आन पे, जिनको प्यारा देश !
मरकर भी वो हैं हँसे, बतलाये अब कौन !!

जीवन भर यूं ही जले, ये शब्दों के दीप !
बुझी न बुझकर आग ये, बतलाये अब कौन !!

बूँद-बूँद ये खून की, लगे देश के काम !
इतना सा अरमान हो, बतलाये अब कौन !!

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