Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2023 · 1 min read

दीपावली का पर्व

दीपोत्सव का पर्व यानी दीपावली पर्व
हम सब सनातनी हिंदू
अपनी संस्कृति अपने संस्कार के अनुरूप
हर साल मनाते आ रहे हैं,
भगवान राम का पत्नी सीता और
भ्राता लक्ष्मण के साथ
चौदह वर्षों बाद वनवास से वापस
अयोध्याधाम आने के उत्साह में
आज भी हम दीपावली मनाते हैं।
दिये मोमबत्तियों से सारी घर, दुकान मकान
प्रतिष्ठानों ही नहीं दुनियां को प्रकाशित करते हैं।
ऊंच नीच, जाति धर्म का भेदभाव किए बिना
हम सब अपने अपने सामर्थ्य सुविधा से
दीपावली का वार्षिक त्योहार मनाते हैं।
उत्साह उमंग से भरपूर
वस्त्र, आभूषण, लइया गट्टा, बताशे मिठाइयां
पटाखे फुलझड़ी खरीद कर लाते हैं
घर दुकान, प्रतिष्ठान। और मकानों की
रंग पुताई और सफाई करते/कराते हैं,
विभिन्न तरह के सजावटी साजो सामान से
इन्हें खूब सजाते हैं।
तरह तरह के पकवान बनाते हैं
लक्ष्मी जी गणेश जी की पूजा करते हैं
बही खातों की पूजा पाठ के साथ
अपने अपने ढंग से साधना आराधना करते हैं
हर जन मन के सुख समृद्धि की कामना करते हैं,
अपने बड़े बुजुर्गो के चरणों में नतमस्तक हो
शीश झुकाकर आशीर्वाद लेते हैं
और छोटों पर अपना प्यार दुलार लुटाते हैं।
दीपावली के इस पावन पर्व को
अपने पुरखों की ही तरह हम सब आज भी
बड़े हर्षोल्लास से मनाते हैं,
और खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 155 Views

You may also like these posts

झूठ न इतना बोलिए
झूठ न इतना बोलिए
Paras Nath Jha
तमाम रातें तकतें बीती
तमाम रातें तकतें बीती
Suryakant Dwivedi
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
Ravikesh Jha
धन से आप दुनिया की कोई भी वस्तु खरीद सकते है।
धन से आप दुनिया की कोई भी वस्तु खरीद सकते है।
Rj Anand Prajapati
तुम्हीं  से आरम्भ तो  तुम्हीं पे है  खत्म होती  मेरी कहानी
तुम्हीं से आरम्भ तो तुम्हीं पे है खत्म होती मेरी कहानी
Dr Archana Gupta
मातृशक्ति
मातृशक्ति
Sanjay ' शून्य'
आती रजनी सुख भरी, इसमें शांति प्रधान(कुंडलिया)
आती रजनी सुख भरी, इसमें शांति प्रधान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम ।
सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
मोहब्बत।
मोहब्बत।
Taj Mohammad
कविता-कूड़ा ठेला
कविता-कूड़ा ठेला
Dr MusafiR BaithA
No love,only attraction
No love,only attraction
Bidyadhar Mantry
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
Sonam Puneet Dubey
चल चित्र का संसार
चल चित्र का संसार
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
संजय कुमार संजू
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
इशरत हिदायत ख़ान
UPSC-MPPSC प्री परीक्षा: अंतिम क्षणों का उत्साह
UPSC-MPPSC प्री परीक्षा: अंतिम क्षणों का उत्साह
पूर्वार्थ
निर्गुण
निर्गुण
Shekhar Chandra Mitra
3758.💐 *पूर्णिका* 💐
3758.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कितनी राहें
कितनी राहें
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
हिंदुस्तान के लाल
हिंदुस्तान के लाल
Aman Kumar Holy
तबीयत मचल गई
तबीयत मचल गई
Surinder blackpen
#ਚਾਹਤ
#ਚਾਹਤ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
ये आवारा मन
ये आवारा मन
Dr. Kishan tandon kranti
सम्प्रेषण
सम्प्रेषण
Khajan Singh Nain
दिव्य प्रेम
दिव्य प्रेम
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
नाराज़गी भी हमने अपनो से जतायी
नाराज़गी भी हमने अपनो से जतायी
Ayushi Verma
शब्द रंगोंली
शब्द रंगोंली
लक्ष्मी सिंह
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*शिखर का सफर*
*शिखर का सफर*
Pallavi Mishra
Loading...