धन से आप दुनिया की कोई भी वस्तु खरीद सकते है।
धन से आप दुनिया की कोई भी वस्तु खरीद सकते है।
वस्तुओं को बेचकर आप धन भी ग्रहण कर सकते है।
परंतु धन से आप कभी भी एक सतीत्व का सत्व नही खरीद सकते।
ईमानदार का ईमान नहीं खरीद सकते।
एक मनोयोगी का ब्रह्मचर्य नही खरीद सकते।
रूपए से आप समान खरीद सकते हैं।
किसी के दिल में बसा सम्मान नही।
RJ Anand Prajapati