श्राद्ध पर दोहे.
साथ छोड़ गए जग में, फिर श्राद्ध करें याद
पितरोंका तर्पण से नर, ले सुख मन संवाद.
खीर खाना फल पसंद, जमाया सभी प्यार
कागा भी देखा करा, अपनों जान विचार.
जीते जी खिलाया ना,अब पछतावा वाद
सब माफी में दे दान , दूर रहें अबसाद.
माँ वाप तो देव तुल्य , प्रेम भरें संदेश
मात पिता चरणों धरें , स्नेह से भरा पेश ।
रेखा मोहन २१/९/१९