Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2024 · 4 min read

विजातीय बिआह।

विजातीय बिआह।
-आचार्य रामानंद मंडल।
रेलगाड़ी मुजफ्फरपुर से हैदराबाद के लेल भागल जा रहल हय। हैदराबाद मे सगर राति दीप जरय आयोजित हय। कथा गोष्ठी मे भाग लेबे सीतामढ़ी से दयानंद मंडल जा रहल हतन। वोही डिब्बा में खगड़िया के राजनंदन मंडल सेहो बैठल हतन। दूनू गोरे के परिचय पात भेल।दुनू गोरे मे गपशप होय लागल।राजनदंन बाबू बतैलन -हमहू हैदराबाद सगर राति दीप जरय मे भाग लेबे जा रहल छी।हम खगड़िया उच्च माध्यमिक विद्यालय मे प्रधानाध्यापक छी। दयानंद बाबू कहलन -हमहू सीतामढ़ी उच्च माध्यमिक विद्यालय मे प्रधानाध्यापक छी। घनिष्ठता बढैत गेल। दयानंद बाबू आब भोजन के आर्डर करे त राजनदंन बाबू के सेहो लेल। पेमेंट दयानंद बाबू करय।राजनदंन बाबू चाय नाश्ता के आर्डर करय त दयानंद बाबू के सेहो लेल। पेमेंट राजनदंन बाबू करय।
हैदराबाद मे दयानंद बाबू अपन रचित कथा -विधवा के पियार पढलैन त समीक्षा राजनदंन बाबू कैलन।राजनदंन बाबू कहलन -बिधवा पुनर्विवाह के लेल कथा समाज के उद्वेलित करय हय।राजनदंन बाबू अपन रचित कथा -प्रेम मे धोखा पढलैन।आ समीक्षा दयानंद बाबू कैलन। दयानंद बाबू कहलन कि एगो पत्नी केना बेबफा हो जाइत हय आ अपन प्रेमी पति के मरे के लेल मजबूर क देइ छैय। दैहिक आकर्षण आ बासना के आग मे जरैत पत्नी परिवार के समाप्त क देइ छैय।आ सेवारत पति के मरला के बाद अनुकम्पा पर नौकरी प्राप्त कर कथित प्रेमी संग विलासिता पूर्ण जीवन व्यतीत करय हय आ अंत मे प्रेमी द्वारा छोडला पर एकांगी जीवन व्यतीत करय हय।
दयानंद बाबू आ राजनंदन बाबू मे प्रगाढ़ता बढल। राजनंदन बाबू पुछलन -अंहा के नजर मे कोनो सरकारी सेवारत लरिका हय। हमरा अपन लरकी के बिआह करय के हय।हमर लरकी पिरिया एम ए हय।
दयानंद बाबू बजलन -हमर लरिका शुभम राज इंजीनियर हय आ सिंचाई विभाग पटना मे सेवारत हय।वो विवाह योग्य हय।हम हुनकर विआह करय चाहय छी।राजनंदन बाबू बजलन -तब त हमरा आ अंहा संबंधी बन जाय के चाही। दयानंद बाबू बजलन -शुभम से पूछ लेय छी आ मोबाइल लगैलन।शुभम बजलन -हेलो। बाबू जी।
दयानंद बाबू -हेलो।शुभम।हम सगर राति दीप जरय कार्यक्रम हैदराबाद मे आयल छी। हमरा लग खगड़िया के राजनंदन बाबू हतन।हिनकर लरकी एम ए हय आ इ अपन लरकी के बिआह करय चाहे छतिन।आ हम हिनका बचन अंहा के लेल दे देलिय हय। अंहा के कि विचार हय।
शुभम बजलन -बाबू जी हम अंहा से बाहर न छी। अपने के जे बिचार हय कैल जाव।
दयानंद बाबू -ठीक हय।
आब दयानंद बाबू बजलन -राजनंदन बाबू। शुभम राजी हय।बिआह के लेल हम तैयार छी।घर जा के तैयारी कैल जाय।
रेलगाड़ी से दूनू आदमी घर पहुंचलन।
दयानंद बाबू अपन परिवार में सभ बात बतैलन। परिवार के सभ लोग खुशी जतैलन।
राजनंदन बाबू अपन परिवार मे सभ बतैलन। परिवार के सभ लोग खुशी व्यक्त कैलन।
समय पर खुब लेब देब के संग पटना के एगो विआह भवन मे विआह भेल।बिआह के बाद शुभम नव दुल्हन संग अपन घर अयलन।सभ विधि होयल। शुभम समय-समय पर घर आबे लगलन।समय खुशी पूर्वक बितय लागल।
एकटा राति पिरिया आ शुभम अपन अपन परिवार के बारे मे बात करैत रहय।त बाते -बात मे बतैलक कि हम मल्लाह छी। शुभम कहलक कि हमरा इंहा मल्लाह त सहनी बोलय हय। अंहा के बाबू के नाम त राजनदंन मंडल हय।पिरिया कहलक कि हमरा इंहा मल्लाह मंडल सेहो बोलय हय।शुभम कहलक कि हम त धानुक छी आ हमरा सभ के टाइटिल मंडल हय।आ दूनू मे विजातीय के लेके मतभेद पैदा हो गेल।इ बात परिवार मे फैल गेल।अंत मे दूनू परिवार मे मतभेद हो गेल आ बात तलाक त पहूंच गेल। अदालत मे तलाक के लेल मुकदमा भे गेल।पिरिया अपना नहिरा मे रहय लागल।आ शुभम पटना मे रहे लागल। एकटा रात शुभम के फुड प्वाइजनिंग हो गेल। सबेरे जौं बहुत देर तक कमरा से न निकलल त मकान मालिक के संदेह भेल। कमरा के दरबजा के पिटलन। कमरा से कोनो तरह के आवाज न आयल। कमरा के दरबजा तोड़ल गेल।शुभम बेड के नीचा गिरल लोआर -पराल मिलल।मकान मालिक एगो नर्सिंग होम में शुभम के एडमिट करैलक आ सीतामढ़ी घर पर मोबाइल से जानकारी देलक। शुभम के बाबू दयानंद बाबू आ माय नर्सिंग होम पटना अयलन आ उपचार होय लागल। नर्सिंग होम में शुभम के ससुरार खगड़िया के एगो व्यक्ति एडमिट रहय।वो शुभम के पहचान लेलन।कि इत राजनंदन बाबू के दमाद हतन।वो चपके से राजनंदन बाबू के खबर दे देलन।राजनंदन बाबू अपन पत्नी आ बेटी पिरिया के संग नर्सिंग होम पटना मे पहुंच गेलन आ शुभम के सेवा सुसुर्सा मे लाग गेलन।पिरिया त राति दिन शुभम के सेवा करे लागल।शुभम पूर्णतः स्वस्थ हो गेलन।शुभम आ पिरिया के मतभेद प्रेम मे बदल गेल।दूनू परिवार आपसी मतभेद भुला के एक भे गेल।आब विजातीय बिआह मानवीय बिआह मे बदल गेल।आइ दयानंद बाबू बाबा आ राजनंदन बाबू नाना बन गेल हतन।दूनू परिवार खुश आ खुशहाल हय।
@आचार्य रामानंद मंडल सीतामढ़ी।

Language: Maithili
116 Views

You may also like these posts

"ऐसा करें कुछ"
Dr. Kishan tandon kranti
यहाॅं हर कोई जीयेगा,
यहाॅं हर कोई जीयेगा,
Ajit Kumar "Karn"
जय माँ चंद्रघंटा
जय माँ चंद्रघंटा
©️ दामिनी नारायण सिंह
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
VINOD CHAUHAN
Swami Vivekanand
Swami Vivekanand
Poonam Sharma
त्रिपदिया
त्रिपदिया
Rambali Mishra
भेद नहीं ये प्रकृति करती
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
🙅बस एक सवाल🙅
🙅बस एक सवाल🙅
*प्रणय*
From Dust To Diamond.
From Dust To Diamond.
Manisha Manjari
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार आ कवि पं. त्रिलोचन झा (बेतिया चम्पारण जिला )
प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार आ कवि पं. त्रिलोचन झा (बेतिया चम्पारण जिला )
श्रीहर्ष आचार्य
बेकाबू हैं धड़कनें,
बेकाबू हैं धड़कनें,
sushil sarna
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
Atul "Krishn"
परिणाम से डरो नहीं
परिणाम से डरो नहीं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
जीवन में असफलता के दो मार्ग है।
जीवन में असफलता के दो मार्ग है।
Rj Anand Prajapati
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आह्वान
आह्वान
Shyam Sundar Subramanian
कहानी घर-घर की
कहानी घर-घर की
Brijpal Singh
आलिंगन
आलिंगन
Ruchika Rai
प्रेम, अनंत है
प्रेम, अनंत है
हिमांशु Kulshrestha
कभी-कभी खामोशी की,
कभी-कभी खामोशी की,
अनिल "आदर्श"
मुझे भूल जाना
मुझे भूल जाना
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
मात्रा कलन
मात्रा कलन
आचार्य ओम नीरव
4397.*पूर्णिका*
4397.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मन ही मन में मुस्कुराता कौन है।
मन ही मन में मुस्कुराता कौन है।
surenderpal vaidya
दारू के खतिरा भागेला
दारू के खतिरा भागेला
आकाश महेशपुरी
कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं
कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं
gurudeenverma198
अब क्या करे?
अब क्या करे?
Madhuyanka Raj
Loading...