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4 Mar 2019 · 2 min read

होली से पहले पापा क्यों घर आए है…?

पुलवामा हमले के बाद लिखी मेरी नई कविता

“एक सात साल का बच्चा अपनी माँ से पूछता है जब उसके पापा होली से पहले तिरंगे में लिपटकर घर आते है ,जबकि उसकी माँ ने उसे कहा था तुम्हारे पापा होली में आएंगे तब बच्चा अपनी माँ से घर और माँ के हालात देखकर कुछ सवाल करता है ….”

पापा पहले जब होली में घर आते थे
हमारे लिए ढेर सारे खिलौने लाते थे
इस बार पापा हमारे लिए क्या लाए है ?
होलो से पहले पापा क्यो घर आए है ?

(बच्चा माँ से शिकायत करता है..)

हमारे लिए वे नही पिचकरी लाए है
न कोई खिलौने न मिठाई लाए है
वे मुझसे नही कुछ भी क्यो बोल रहे है
वे अपनी आंखें क्यो नही खोल रहे है
होली से पहले पापा ने रंग क्यो लगाए है ?
होली से पहले पापा क्यो घर आए है….?

तेरी मांग में क्यो नही माँ सिंदूर है ?
पापा हमसे इतने अब क्यो दूर है ?
पापा के कपड़ो का माँ क्यो रंग लाल है ?
क्यो नही दिख रहे मुझे पापा के गाल है ?
क्यो हमारे घर मे ऐसे मातम छाए है ?
होली से पहले पापा क्यो घर आए है….?

पापा जब आते थे तुम बनाती थी पकवान
मुझसे मंगवाती थी तुम सारा समान
दो माँ पैसे मैं सारे समान ला दूंगा
इसके बदले तुझसे मैं टॉफी भी न लूंगा
क्यो चुपचाप माँ तू ऐसे बैठी है उदास ?
दूर से आये है पापा लगी होगी प्यास
इस बार माँ तूने क्यो नही भोजन बनाए है ?
होली से पहले पापा क्यो घर आए है…….?

क्यो सोये है पापा यहां ओढ़ तिरंगा ?
क्यो ले जा रहे हो इन्हें आपलोग गंगा ?
क्यो रख दिया इनपर लकड़ियों का ढेर ?
हटाओ इन्हें दर्द होगा तुम न करो देर
हर बार की तरह क्यो न तूने घर सजाए है ?
होली से पहले………..?

“जब उसके के पिता की चिता जलती है तब वो समझ जाता है उसके पापा अब लौट कर नही आएंगे ,तब वो माँ से कहता है….”

पापा की तरह मैं भी अब सैनिक बनूँगा
देश के खातिर मैं भी दुश्मनों से लड़ूंगा
मेरे हर सवालों का मिल गया मुझे जबाब
अब मैं पूरे करूँगा पापा के हर ख्वाब
मैं समझ गया तूने क्यो सारे श्रृंगार हटाए है
होली से पहले………???

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© पियुष राज ‘पारस’
दुमका ,झारखंड
9771692835

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 372 Views
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