surenderpal vaidya Poetry Writing Challenge-3 30 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 31 May 2024 · 1 min read वंचित है मुक्तक ~~ किसी के पास धन दौलत भरे भंडार संचित है। मगर उनको गरीबों की नहीं परवाह किंचित है। किसी के पास सुविधा है जरूरत से बहुत ज्यादा। कहीं सामान्य... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक · विधाता छंद 1 53 Share surenderpal vaidya 30 May 2024 · 1 min read नियति मुक्तक ~~~ नियति ने जो रचा जग में वही स्वीकार करना है। उसी अनुरूप ही हमको सदा व्यवहार करना है। चलें उस राह पर जिसमें भला सबका सुनिश्चित हो। सभी... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक · विधाता छंद 1 103 Share surenderpal vaidya 29 May 2024 · 1 min read अतिथि मुक्तक ~~~ खूब करें सत्कार अतिथि का, यह भारत की रीत। इसे निभाते हैं मन से सब, लिए हृदय में प्रीत। किन्तु अतिथि को यही चाहिए, दर्शाएं आभार। इसी तरह... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक · सरसी छंद 1 116 Share surenderpal vaidya 28 May 2024 · 1 min read पंचवक्त्र महादेव गीतिका ~~ पंचवक्त्र महादेव प्रभु का, नित्य करें हम ध्यान। सारे जग की रक्षा करते, कर लेते विषपान। सफल नहीं हो पाया दशानन, अटल रहा कैलाश। नहीं हिला था लेश... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सरसी छंद 3 120 Share surenderpal vaidya 27 May 2024 · 1 min read कार्य महान गीतिका ~~ करें सब सोच समझ मतदान। इसे भी समझें कार्य महान। रखें मत कोई मन में खोट। देश का करना है उत्थान। सभी जन अपना है परिवार। पूर्ण हो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · श्रृंगार छंद 1 83 Share surenderpal vaidya 27 May 2024 · 1 min read तम्बाकू को अलविदा कुण्डलिया ~~ तम्बाकू को अलविदा, कह दो करो न देर। खुला निमंत्रण रोग को, है यह देर सवेर। है यह देर सवेर, मुक्त हो इससे जीवन। तब आए आनंद, खिले... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 82 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read बदलियां गीतिका ~~ सावनी ऋतु की बदलियां खूब छाती रातदिन। और कुदरत तृप्त होकर मुस्कुराती रातदिन। चांदनी है रात आकर्षण लिए सबके लिए। स्नेह की स्मृतियां हृदय में झिलमिलाती रातदिन। जिन्दगी... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · गीतिका छन्द 1 1 109 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read रूप यौवन गीतिका ~~ रूप यौवन चार दिन का मत करो अभिमान। व्यर्थ ही करना नहीं हम को स्वयं गुणगान। फूल खिलता खूबसूरत खूब महके छोर। और करते हैं सभी सौंदर्य का... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · रूपमाला छंद 2 87 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read रूठ मत जाना गीतिका ~~ रूठ मत जाना बहुत है आपसे जब प्यार। स्नेह का अनुबंध हमको पूर्ण है स्वीकार। हर तरफ जब खूबसूरत खिल रहे हैं फूल। खूब महकी जा रही हैं... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · रूपमाला छंद 1 88 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read गंगा की जलधार मुक्तक ~~ सबसे पावन अखिल विश्व में गंगा की जलधार। आदिकाल से यही हमारे जीवन का आधार। हर कीमत पर हर हालत में इसे बचाना आज। समझो इसी में ही... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 92 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read हमारा मन गीतिका ~~ लगेगा किस तरह तुम बिन हमारा मन, नहीं कर पाएगा जग से किनारा मन। बताओ क्यों सहेगा जुल्म दुनिया के, कहीं तो पा सकेगा अब सहारा मन। खिजा... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सिंधु छंद 1 106 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read आगे हमेशा बढ़ें हम गीतिका ~~ यहाँ बेवजह क्यों किसी से डरें हम। बिना खौफ आगे हमेशा बढ़ें हम। खिले फूल महके सुहानी फिजा है, चलो जिन्दगी से मुहब्बत करें हम। सुहानी डगर है... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · भुजंग प्रयात छंद 3 81 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read सूरज को गीतिका ~~ सूरज को बाहों में भरने की चाहत। उन्मुक्त हृदय से नभ में उड़ने की चाहत। वक्त बहुत से पनप रही मेरे मन में, बादल को मुट्ठी में करने... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 83 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read कदम जब बढ़ रहे गीतिका ~~ जरा सा मुस्कुरा भी दो बहुत अब हो चुका रोना। कदम जब बढ़ रहे आगे निराशा को नहीं ढोना। निशा जब बीत जायेगी उगेगा सूर्य प्राची में। सभी... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · विधाता छंद 1 1 96 Share surenderpal vaidya 23 May 2024 · 1 min read हस्त मुद्राएं कुण्डलिया ~~ हस्त मुद्राएं नृत्य में, रखती बहुत महत्व। बिन इनके मन भाव का, पूर्ण नहीं प्राकट्य। पूर्ण नहीं प्राकट्य, बहुत हैं घटक कला के। सबका हो समावेश, हृदय का... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 1 46 Share surenderpal vaidya 23 May 2024 · 1 min read नयनजल कुण्डलिया ~~ कभी नयनजल बह रहा, लेकर मन की बात। कभी विरह की वेदना, लेकर सारी रात। लेकर सारी रात, अश्रु जब छलका करते। होता समय व्यतीत, दृगों को मलते... Poetry Writing Challenge-3 · आंसू · कुण्डलिया 1 82 Share surenderpal vaidya 22 May 2024 · 1 min read विरह की वेदना कुण्डलिया ~~ कभी नयनजल बह रहा, लेकर मन की बात। कभी विरह की वेदना, लेकर सारी रात। लेकर सारी रात, अश्रु जब छलका करते। होता समय व्यतीत, दृगों को मलते... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 70 Share surenderpal vaidya 21 May 2024 · 1 min read नाटक नौटंकी गीतिका ~~ नाटक नौटंकी करते हैं, धन दौलत की चाह बहुत। औरों को बस स्वप्न दिखाते, है अपनी परवाह बहुत। राजनीति के आदर्शों की, नित्य गिरा देते गरिमा। कार्य अनैतिक... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · लावणी छंद 1 92 Share surenderpal vaidya 18 May 2024 · 1 min read कठोर व कोमल मुक्तक ~~~ राष्ट्र हित के लिए आवश्यक, हो कानून कठोर। सर्वोपरि समझें इसको हम, जीवन में हर ओर। करें नहीं कोई समझौता, संविधान के साथ। सही हाथ में रहे हमेशा,... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक · सरसी छंद 2 80 Share surenderpal vaidya 18 May 2024 · 1 min read दिखाने लगे गीतिका ~~ स्वप्न नेता नये अब दिखाने लगे। आज फिर वोटरों को लुभाने लगे। जेल में बंद थे लूट आरोप में। स्वच्छ खुद को बहुत अब बताने लगे। कह रहे... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · वाचिक सृग्विणी छंद 1 1 93 Share surenderpal vaidya 17 May 2024 · 1 min read अफसाना किसी का गीतिका ~~ हो गया है अब यहां पर कौन दीवाना किसी का खूब सबको भा रहा है आज अफसाना किसी का भावनाओं में न बहना व्यर्थ अब देखो यहां पर... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · माधव मालती छंद 96 Share surenderpal vaidya 17 May 2024 · 1 min read होना नहीं अधीर गीतिका ~~ धन दौलत का अभिमान लिए, होना नहीं अधीर है जिसका हृदय जितना बड़ा, उतना वही अमीर बहुत प्रयास किए लेकिन जब, मिले नहीं परिणाम नया अभी कुछ कर... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सरसी छंद 2 90 Share surenderpal vaidya 13 May 2024 · 1 min read बताती जा रही आंखें गीतिका ~~ कहो गंभीरता से अब नहीं पड़ना ठिठोली में। बताती जा रही आंखें सभी बातें अबोली में। समय मुश्किल कभी जब सामने आता हमारे है। रखो आंखे खुली पड़ना... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · विधाता छंद 1 62 Share surenderpal vaidya 13 May 2024 · 1 min read सत्य की जय गीतिका ~~ पूर्ण विश्व ने देखा, शांत किया विस्मय। संघर्षों का फल है, हुई सत्य की जय। राम लला का सुंदर, रूप प्रतिष्ठित है। बना भव्य नैसर्गिक, मन्दिर आभामय। मर्यादा... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सुखदा छंद 1 84 Share surenderpal vaidya 10 May 2024 · 1 min read मौसम गीतिका ~~ शुरू कर दिये मौसम ने भी, तेवर खूब दिखाने अब ग्रीष्म ऋतु सब शीतल जल के, देखो हुए दिवाने अब कल तक जो बातें करते थे, साथ दो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · लावणी छंद 1 89 Share surenderpal vaidya 8 May 2024 · 1 min read जरूरी बहुत गीतिका ~~ जरूरी बहुत तिश्नगी को बुझाना। इसी हेतु है व्यस्त सारा जमाना। मुहब्बत इसी को कहा है सभी ने। सभी चाहते लुत्फ इसका उठाना। मिलन की उठी प्यास तीखी... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · प्यास · भुजंग प्रयात छंद 2 101 Share surenderpal vaidya 7 May 2024 · 1 min read नेता कुण्डलिया ~~ मुखिया जी का चल रहा, बढ़िया कारोबार। नेता बनकर घूमते, सबके बन सरदार। सबके बन सरदार, सभी पर धौंस जमाते। लड़ते कभी चुनाव, भाग्य स्वयं आजमाते। कहते वैद्य... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया · राजनीति 89 Share surenderpal vaidya 5 May 2024 · 1 min read भोर समय में आज सभी को भोर समय में, हमें जगाना है। सभी के मन में न उठने का, एक बहाना है। फूल खिले हैं देख लीजिए, कलियां मुस्काई। साथ सभी को आगे... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · भोर · विष्णुपद छंद 3 102 Share surenderpal vaidya 2 May 2024 · 1 min read नेता जी * कुण्डलिया * ~~ नेता जी को प्रिय सदा, अपना इच्छापत्र। और प्रचारित हर जगह, यत्र तत्र सर्वत्र। यत्र तत्र सर्वत्र, हर जगह प्रथम सभी से। मैं मेरा परिवार, करेगा... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया · राजनीति 2 100 Share surenderpal vaidya 2 May 2024 · 1 min read जल बचाकर जल बचाकर स्वर्ग जीवन को बनाओ। जागरुक बन व्यर्थ मत इसको बहाओ। बोतलों में आज क्यों यह बिक रहा है। पाप है यह शीघ्र इससे मुक्ति पाओ। जल प्रदूषित हो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · जल दिवस · सार्द्धमनोरम 2 2 97 Share