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24 May 2024 · 1 min read

गंगा की जलधार

मुक्तक
~~
सबसे पावन अखिल विश्व में गंगा की जलधार।
आदिकाल से यही हमारे जीवन का आधार।
हर कीमत पर हर हालत में इसे बचाना आज।
समझो इसी में ही निहित है भारत का उद्धार।
~~
ताप शाप सब हर लेती है करती तन मन को शीतल।
सोने सी पावन जलधारा भूले से न समझो पीतल।
गंगा केवल नदी नहीं है यह धड़कन है भारत की।
इसीलिए बहने दो इसको अहर्निश अविरल निर्मल।
~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

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