Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Poonam Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read Children All will grow and all will bloom, Maybe different ,maybe unique. Maybe early ,maybe late. Sureto shine maybe on the darkest night, Let them fly, do not tie, they go... Poetry Writing Challenge-2 76 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read महबूब स्वर्ग से आई इन्द्राणी है महबूब। सर्वोपरि यह सुंदरी मेरी महबूब।। चढ़ा अंग अंग प्यार रंग बदन में। प्यार के नशे में ये मेरी महबूब।। होती ना आँखों से औझल... Poetry Writing Challenge-2 1 91 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read जुदाई जुदाई हो ना फ़ासला देना। हर वक्त साथ हौंसला देना।। नजदीक या तुम दूर रहो। पर कभी जुदाई नहीं सहो।। जुदा जो वही जुदाई दर्द जाने। वे बिना शर्त जुदाई... Poetry Writing Challenge-2 1 60 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read प्रीति निभाना प्रीत की रीत को समझे जो, वे प्रीत को निभाना जानेगा। दिल पर चोट ली हो जिसने, वो नैना नीर बहाना जानेगा।। प्रीत की रीत बड़ी निराली है, आसानी से... Poetry Writing Challenge-2 1 91 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read मोर मेरा प्यारा मौर है, पेहुं पेहुं ये शोर है। बड़ा प्यारा प्यारा देख करना गौर है।। सुंदर बड़ा मुख है, लंबी बड़ी पंख है। पीठ पर चढ़े चंदा, बोल बजाए... Poetry Writing Challenge-2 1 78 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read स्वच्छता विष्णु सिद्धि स्वच्छ सदन, निवावां जम्भ गुरु नै शीश। काव्य कला गुरु जम्भ देवै, गुरु जम्भेश्वर की बख्शीश।। गुरु गणपति नै सिर निवावां, करें वन्दन हम शारदा मात। विघ्न हरण... Poetry Writing Challenge-2 1 61 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read धूम्रपान ना कर सच से कदै ना डर, धूम्रपान नहीं कर। होती है बीमारी कई, धूम्रपान ना कर।। ये खुशी चली जायेगी, धूम्रपान नहीं कर। जिंदगी रंग लायेगी। धूम्रपान ना कर।। वक्त का... Poetry Writing Challenge-2 1 63 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read चिड़िया आई सब बच्चों सुणल्यो ध्यान से, करते प्रार्थना हैं भगवान से। छोटी सी एक चिड़िया आई। गौरैया जिसका नाम है भाई।। आ फुदकती मेरे आंगन में, छुप जाती पेड़ के दामन... Poetry Writing Challenge-2 1 66 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read नित नित पेड़ लगाता चल पर्यावरण शुद्ध बनाने को, नित नित पेड़ लगाता चल। शुद्ध प्राणवायु नित पाने को, नित नित पेड़ लगाता चल।। बिदरंग गर्माते ब्रह्मांड हित। वृक्ष लगा धरा हरी बनाता चल।। नित... Poetry Writing Challenge-2 1 68 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read खूबसूरत बचपन खूबसूरत बचपन कागज़ की कश्ती थी गलियों मे ही समंदर का किनारा था कुछ इतना खूबसूरत बचपन हमारा था । मिट्टी के बर्तन थे मिट्टी का आशियाना था कुछ इतना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 52 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read वृक्ष महिमा पीपल नीम अर खेजड़ी, वटवृक्ष भी होता खास। आक्सीजन व लकड़ी दे, छाया में करावै निवास।। अमरलोक से ये परगटे, सबको स्वास्थ्य देवण देव। वेद-शास्त्र गुण पावै नहीं, जन्म जन्म... Poetry Writing Challenge-2 1 48 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 2 min read धरा हरी बनाने को पेड़ लगाओ धरती रा रंग हरा हो ज्यासी, थे वृक्षारोपण अब शुरू करो। डांगर ढ़ौर निहाल हो ज्यासी, थे वृक्ष लगाना सब शुरू करो।। वृक्ष काटणिया थक ज्यासी, वनस्पति बचाणी शुरू करो।... Poetry Writing Challenge-2 1 99 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read बाढ़ बरसात, अपने साथ लाती है बाढ़, उफना जाती हैं शांत बहती नदियाँ, ताण्डव करने लगती हैं, किनारों को उदरस्थ करने लगती हैं, यही नदियाँ, जो मानव सभ्यता की उद्गम हैं।... Poetry Writing Challenge-2 3 90 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read जलधर कितने मादक ये जलधर हैं, इठलाते, मँडराते आते, सोयी पीर जगा कर जाते, गरज-गरज कर मन भर देते, पीड़ा के विरही अंतर हैं, कितने मादक ये जलधर हैं। ये जलधर... Poetry Writing Challenge-2 1 120 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read संन्यास से त्याग तक काम्य कर्मों के त्याग को संन्यास और कर्मों के फल त्याग को ‘त्याग’ के रूप में परिभाषित करने की प्रचलित धारणा है. ‘संन्यास’ व ‘त्याग’ की धारणाएं हैं अपनी-अपनी, अशेष... Poetry Writing Challenge-2 2 1 128 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read इज़्ज़त की ठेकेदार बेटियां इज़्ज़त की ठेकेदार बेटियां घर की इज़्ज़त और इज़्ज़त की ठेकेदार बेटियां बेटे ज़िम्मेदार और एक ज़िम्मेदारी बेटियां मूछों का ताव बेटे और पगड़ी का मान बेटियां मा की शान... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 56 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read विश्वास रूचि के अनुसार होती है ‘श्रद्धा’ अस्तु, श्रद्धा का पृथक्-पृथक् होना स्वाभाविक है. देखें- सात्त्विक की श्रद्धा किसमें होगी ? निश्चय ही देवों में ‘राजस’ की ‘यक्ष’ में और राक्षसों/तामसों... Poetry Writing Challenge-2 1 82 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 2 min read परमगति भय’ क्या है ? इष्ट वियोग और अनिष्ट का संशय ‘भय’ है और इसकी निवृत्ति ‘अभय’. … ‘दान’ क्या है ? न्यायोपार्जित धन प्रदत्त करना ‘सुपात्र’ को दान है. …... Poetry Writing Challenge-2 1 97 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read पुरुषोत्तम वेदवेत्ता कौन होता है ? ‘अश्वत्थ’ वृक्ष का परिचित जिसके पत्ते होते हैं ‘वेद’ ‘अश्वत्थ’ केवल एक वृक्ष नहीं इसमें समाया है समस्त ज्ञान ‘अश्वत्थ’ की भाँति संसार वृक्ष की... Poetry Writing Challenge-2 1 137 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read क्या है परम ज्ञान ज्ञानों में श्रेष्ठ है ‘परम ज्ञान’ यह प्रलय काल में भी साथ देता है व्यथित नहीं होने देता. प्रकृति से उत्पन्न ‘सत्त्व’, ‘रज’ और ‘तम’ अविनाशी आत्मा को बाँध लेते... Poetry Writing Challenge-2 2 138 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read क्षेत्रक एक क्षेत्र है यह शरीर और इसका ज्ञाता ‘क्षेत्रक’ समस्त क्षेत्रों में यह ‘क्षेत्रक’ परम है ‘क्षेत्र’ व ‘क्षेत्रक’ का स्वरूप भिन्न-भिन्न हो सकता है परन्तु, सभी होते हैं-‘वासुदेवात्मक’ …... Poetry Writing Challenge-2 2 85 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read सड़क सड़क मजबूरी के सफर से ज़िम्मेदारी के लक्ष्य तक कुछ बोलती सड़क अनकहे राज़ खोलती सड़क...! अकेलेपन के सफर से भीड़ के मेले तक कुछ बोलती सड़क अनकहे राज़ खोलती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 40 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read सर्वशक्तिमान से निकटता प्रभु से परायण उद्धार कर देता है मृत्युरूपी संसार-सागर से वह तो परम प्राप्य है योग है चित्त की स्थिरता न होने पर निष्ठावान कराता है अभ्यासयोग. … संभव है... Poetry Writing Challenge-2 1 65 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 2 min read एश्वर्य कमलपत्राक्ष ! आकांक्षी हूँ आपके पूर्ण रूप दर्शन का ओह ! तो देख मेरे एक ही रूप में- अष्ट वसुओं, ग्यारह रूद्रों दोनों अश्विनी कुमारों और मरूतों को भी देख... Poetry Writing Challenge-2 1 137 Share Srishty Bansal 22 Feb 2024 · 1 min read ये 'लोग' हैं! जितना दूर रहने की कोशिश करोगे इनसे, उतना ही ये तुम्हारे पीछे पड़ जाएंगे। ये 'लोग' हैं! तुम कुछ न कर सको, इसीलिए ये बहुत-कुछ कर जाएंगे। तुम्हें ज़िन्दा न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कोटेशन 113 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read ज्ञान प्रकृति का हम पाएं आओ बच्चों बात बतायें। ज्ञान प्रकृति का हम पायें।। चाँद और सूरज नित आ, दुनिया में प्रकाश फैलाये।। नभ में यदि चाँद न होता, दिशा ज्ञान हम पाते कैसे ?... Poetry Writing Challenge-2 1 69 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read मनोवृत्तियाँ प्राणियों की असंख्य मनोवृत्तियाँ- यश-अपयश, सुख-दुःख, तप-दान सब उद्भुत हैं सर्वशक्तिमान से. महाबाहो ! मैं ही हूँ सबकी उत्पत्ति का कारण मुझमें रमने वाले पात्र हो जाते हैं- बुद्धियोग का.... Poetry Writing Challenge-2 1 114 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read उपासना के निहितार्थ उपासना ‘नृप’ का पर्याय है समस्त विद्याओं का और गुप्त रखने योग्य भावों का भी. यह समर्थ है उस ब्रह्म का दर्शन कराने में जो परमपिता है. उपासना निकट पहुँचाता... Poetry Writing Challenge-2 1 44 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read श्रेष्ठ स्मरण भाव ब्रह्म’ क्या है ? परम ‘अक्षर’ है ‘ब्रह्म’ ‘अक्षर’- जिसका नाश न हो अविनाशी है यह ‘ब्रह्म’ अध्यात्म क्या है ? ‘स्वभाव’ है अध्यात्म प्रकृति है. ऐसे ही ‘कर्म’ भूतों... Poetry Writing Challenge-2 1 52 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read वृक्ष लगाना भी जरूरी है आक्सीजन चाहिए तो वृक्ष लगाना भी जरूरी है। छाया हमें चाहिए तो, वृक्ष बचाना भी ज़रुरी है।। जीव दया पालणी, नहीं रूंख काटना ज़रूरी है। जहाँ भी जगह मिलै वहीं,... Poetry Writing Challenge-2 1 109 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read टूट गई बेड़ियाँ टूट गयी यूँ बेड़ियाँ सारी आये धरा पे कृष्ण कन्हाई वासुदेव कान्हा को छुपाये यमुना विकराल रूप दिखाये देवकी वसुदेव भय से कँपते कारागार में थमते छुपते दुष्ट कंस ने... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 1 119 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read चुभते शूल …… चुभते शूल …… चुभते हिय में अब शूल है चहुँओर अवलोकित तिमिर सा आकुल खोजती इक सितारा मेले कुचैले पग में धूल है। पुश्त है अत्यंत लहुलूहान सी व्रणों पीड़ा... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 91 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read परोपकार परोपकार तू अकेला चल कहाँ तक जाएगा अकेला था अकेला ही रह जाएगा सहारा बन मनोबल बन सबका तू उत्थान खुद का भी कर जाएगा । तू अकेला चल कहाँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 56 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read ज्ञानी मैं ही हूँ ‘ब्रह्म’ अष्ट प्रकृतियों का धारक पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश और मन, बुद्धि तथा अहंकार यही तो हैं मेरी अष्ट प्रकृतियाँ यही तो है ‘अपरा’ ‘परा’ प्रकृति... Poetry Writing Challenge-2 1 66 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read शिक्षक…. शिक्षक…. जीवन मे पथ नया दिखलाके शिखर तक उसने पहुँचाया अँधियारो में इक दीप बनके भर दिया जीवन मे उजियारा। अक्षर ज्ञान,गिनती पहाड़े इक, दहाई, सैकड़ा,हज़ारे शब्द वे सारे यूँ... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 73 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read स्पर्श स्पर्श वो अनूठा अद्भूत था प्रेम बयार यूँ सीने में चलती अनगिनत स्वप्न लिए नयनों में स्नेह अपार था कण कण मेरे हृदय का यूँ तुम्हारे ही तो आधीन था... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 114 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read योगी बनाम संन्यासी संन्यासी कौन है ? कौन है योगी ? ‘कर्मफल’ की चिन्ता से मुक्त ‘कर्तव्य कर्म’ में अग्रसर संन्यासी है, योगी है, जो कर्म करता है अनवरत ‘मोक्ष’ की प्राप्ति तक.... Poetry Writing Challenge-2 1 53 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read गणेश आये रूनझुन सी पायलिया बाजे नन्हें नन्हें कदमों से चलके सारे जग में धूम मचाने सबके दुलारे गणेश आये। विघ्नेश, मंगलकर्ता,सिद्धिदाता भक्त के वे ही भाग्य विधाता वक्रतुंड,एकदंत कहलाते मोदक उनको... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 100 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read चुन लेना चुन लेना राह से काँटे…. चुन लेना राह से काँटे हवायें भी हिलोर देना द्वारे चंदा भी चमचमायेगा प्रेम छवि हिय में उकेर देना क्षीण हुई कंटिल पथ पर चलते... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 79 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read कर्मयोग बनाम ज्ञानयोगी फिर प्रश्न- कर्मों का संन्यास- ‘ज्ञानयोग’ या फिर ‘कर्मयोग’ कौन श्रेष्ठ है ? उत्तर मिलता है- दोनों कल्याणकारी हैं पर ‘कर्म संन्यास’ से श्रेष्ठ है कर्मयोग कर्मयोग के बिना ‘ज्ञानयोग’... Poetry Writing Challenge-2 1 116 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read बापू गाँधी राष्ट्रपिता वो कहलाते बच्चे उनको बापू बुलाते सत्य,अहिंसा का पाठ पढ़ाया यूँ देश को आज़ाद कराया। जीते थे सदा जीवन सादा देश से किया था इक वादा था तनमन जीवन... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 80 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read भारत माँ का एक लाल भारत माँ का एक लाल वीर सपूत महान जिसका नारा था ये जय जवान जय किसान। था छोटी कद काठी का व्यक्तित्व था यूँ विशाल जनजन को ऊर्जा देकर किया... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 80 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 22 Feb 2024 · 1 min read परमसत्ता ‘कर्मयोग’ परम्परागत है नवसृजन नहीं सूर्य-मनु-इक्ष्वाकु सबने इसे अंगीकार किया है पर क्रमशः नष्ट हो गया यह वेदान्तवर्णित उत्तम रहस्य. परमसत्ता अजन्मा होते हुए भी जन्मता है विविध रूपों में,... Poetry Writing Challenge-2 1 63 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read नींद आती है सोने दो नींद आती है सोने दो जगाते स्वप्न बेचैनी से भूला के इन सारे क्षणों को चैन के साये में खोने दो। इक नया कल फिर से आएगा नई चुनौतियाँ, उम्मीद... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 84 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read जीवन ये हर रंग दिखलाता जीवन ये हर रंग दिखलाता हर्ष तो कभी दर्द दे जाता पाठशाला ये है अनोखी सबकी धैर्य परीक्षा होती। है सफल वही गुणीजन बड़ा परिश्रम जिसके हाथों जड़ा थककर कभी... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 166 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read ****माता रानी आई**** ****माता रानी आई**** लाल लाल चुनरिया सजाई शेर पे सवार हो माँ आई उग आये हरे भरे जवारे जय माता दी सब पुकारें। हलवा,पूड़ी साग बनाऊँ मैया को क्या भोग... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 87 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read जब सत्य प्रकाशमय हो जब सत्य प्रकाशमय हो अंधकार पर लगा विराम हो द्वेष ,जलन ,ईर्ष्या से परे सब मन मे प्रेम ,स्नेह भरा हो उँच नीच भेदभाव भुलाकर सबके लिये सदभाव हो झूठ... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 124 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read मैं इक निर्झरिणी नीर भरी मैं इक निर्झरिणी नीर भरी अश्रुओं से यूँ अक्षि सँवरी बन संगीत इक भीतर सजा कभी विरह तो हॄदय बसा। यूँ ही नभ बरबस निहारती पिपासा इक भीतर कराहती हो... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 106 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read उज्जवल रवि यूँ पुकारता उज्जवल रवि यूँ पुकारता अलंकृत रश्मियाँ निहारता बिछते पथ सैकड़ों सितारें उदीप्त जुगनू कितने सारे। श्वेत चाँदनी झिलमिलाई आस की नव किरण सजाई महक से आच्छादित फुलवारी सरसर बह रही... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 1 71 Share Kavita Chouhan 22 Feb 2024 · 1 min read अधिकारों का प्रयोग करके अधिकारों का प्रयोग करके अविलंब,कर्तव्य निर्वाह करो शीघ्र आज प्रस्थान करो आलस्य त्याग मतदान करो। चुनने का यूँ अवसर आया इक नई स्वतंत्रता लाया नवयुग का आज प्रारंभ करो मतदान... Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge 68 Share Previous Page 4 Next