Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

वृक्ष लगाना भी जरूरी है

आक्सीजन चाहिए तो
वृक्ष लगाना भी जरूरी है।
छाया हमें चाहिए तो,
वृक्ष बचाना भी ज़रुरी है।।

जीव दया पालणी,
नहीं रूंख काटना ज़रूरी है।
जहाँ भी जगह मिलै वहीं,
वृक्ष लगाना भी ज़रूरी है।।

संस्कृति में वृक्ष म्हारै,
संस्कार बताना भी जरूरी है।
ना भूलें जीना जीने में,
सांस आना भी ज़रूरी है।।

प्रदूषण बचाव को वृक्षारोपण,
करना भी जरूरी है।
वृक्षों हेतु प्राणी का समर्पण,
करना भी ज़रूरी है।।

स्वच्छता चाहिए तो,
वृक्षोहित मरना भी जरूरी है।
वृक्ष भी प्राणी है ये समझना,
समझाना भी ज़रुरी है।।

काटने पे भी ख़ामोश है वृक्ष,
बताना भी जरूरी है।
फूल फल चाहो तो बीच वृक्षोंं,
गुनगुनाना भी ज़रूरी है।।

संस्कार से आचरण बनता है,
बताना भी जरूरी है।
गुजरा वक्त इतिहास होवै है,
ज़ताना भी ज़रूरी है।।

समर्पित जीवन वृक्षों पे है,
जहाँ बताना भी जरूरी है।
इतिहास खेजड़ली वीरगति का,
बताना भी ज़रूरी है।।

363अमृता संग मरे वृक्षहित,
सुनाना भी जरूरी है।
अद्वितीय इतिहास जगत को,
समझाना भी जरूरी है।।

‘पृथ्वीसिंह’ वृक्ष कटे तो संग,
मर जाना भी जरूरी है।
रखनी स्वच्छता तो स्नेह वृक्ष,
से करना भी ज़रूरी है।।

Language: Hindi
1 Like · 37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुद को सम्हाल ,भैया खुद को सम्हाल
खुद को सम्हाल ,भैया खुद को सम्हाल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सपनों में खो जाते अक्सर
सपनों में खो जाते अक्सर
Dr Archana Gupta
Kabhi kitabe pass hoti hai
Kabhi kitabe pass hoti hai
Sakshi Tripathi
खुली किताब सी लगती हो
खुली किताब सी लगती हो
Jitendra Chhonkar
बेहतर और बेहतर होते जाए
बेहतर और बेहतर होते जाए
Vaishaligoel
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
ओनिका सेतिया 'अनु '
बुझे अलाव की
बुझे अलाव की
Atul "Krishn"
3058.*पूर्णिका*
3058.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
संतोष बरमैया जय
- वह मूल्यवान धन -
- वह मूल्यवान धन -
Raju Gajbhiye
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
Maroof aalam
हकीकत पर एक नजर
हकीकत पर एक नजर
पूनम झा 'प्रथमा'
आता जब समय चुनाव का
आता जब समय चुनाव का
Gouri tiwari
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
surenderpal vaidya
मात पिता को तुम भूलोगे
मात पिता को तुम भूलोगे
DrLakshman Jha Parimal
अति वृष्टि
अति वृष्टि
लक्ष्मी सिंह
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
पूर्वार्थ
रिश्ते
रिश्ते
विजय कुमार अग्रवाल
स्वप्न बेचकर  सभी का
स्वप्न बेचकर सभी का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
Shweta Soni
जिंदगी बिलकुल चिड़िया घर जैसी हो गई है।
जिंदगी बिलकुल चिड़िया घर जैसी हो गई है।
शेखर सिंह
*मृत्यु : पॉंच दोहे*
*मृत्यु : पॉंच दोहे*
Ravi Prakash
"राखी के धागे"
Ekta chitrangini
विश्व कप-2023 का सबसे लंबा छक्का किसने मारा?
विश्व कप-2023 का सबसे लंबा छक्का किसने मारा?
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
abhinandan
abhinandan
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"वाकया"
Dr. Kishan tandon kranti
तिरंगा
तिरंगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
परछाई
परछाई
Dr Parveen Thakur
हो नजरों में हया नहीं,
हो नजरों में हया नहीं,
Sanjay ' शून्य'
Loading...