Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

विश्वास

रूचि के अनुसार
होती है ‘श्रद्धा’
अस्तु,
श्रद्धा का पृथक्-पृथक् होना
स्वाभाविक है.
देखें-
सात्त्विक की श्रद्धा किसमें होगी ?
निश्चय ही देवों में
‘राजस’ की ‘यक्ष’ में
और राक्षसों/तामसों की
भूत-प्रेतों में होगी
श्रद्धा.
‘आहार’ भी ऐसे ही बंटा है
विभाजित है
जैसी श्रद्धा, वैसा आहार,
यज्ञ, तप और दान भी.
….
‘ऊँ, तत्, सत्’
ब्रह्म के त्रय निर्देश हैं
यज्ञ, तप और दान की क्रियाएं
प्रारम्भ होती हैं
ऊँ के उच्चारण से.
आकांक्षा न रखकर
किया गया यज्ञ, तप व दान
‘तत्’ को निर्देशित करने योग्य
होता है.
‘सत्’ का प्रयोग होता है-
सद्भाव व साधुभाव में.

Language: Hindi
1 Like · 29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
View all
You may also like:
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
Rekha Drolia
नहीं, अब ऐसा नहीं हो सकता
नहीं, अब ऐसा नहीं हो सकता
gurudeenverma198
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
कवि रमेशराज
■ शेर
■ शेर
*Author प्रणय प्रभात*
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
Keshav kishor Kumar
सहधर्मिणी
सहधर्मिणी
Bodhisatva kastooriya
सफलता का लक्ष्य
सफलता का लक्ष्य
Paras Nath Jha
मौसम तुझको देखते ,
मौसम तुझको देखते ,
sushil sarna
शक्ति स्वरूपा कन्या
शक्ति स्वरूपा कन्या
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
Dr. Man Mohan Krishna
बेवकूफ
बेवकूफ
Tarkeshwari 'sudhi'
*सेब का बंटवारा*
*सेब का बंटवारा*
Dushyant Kumar
हिन्दू मुस्लिम करता फिर रहा,अब तू क्यों गलियारे में।
हिन्दू मुस्लिम करता फिर रहा,अब तू क्यों गलियारे में।
शायर देव मेहरानियां
कहती जो तू प्यार से
कहती जो तू प्यार से
The_dk_poetry
होते फागुन हम अगर, बसता हम में फाग (कुंडलिया)*
होते फागुन हम अगर, बसता हम में फाग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बोलने से सब होता है
बोलने से सब होता है
Satish Srijan
लड़की की जिंदगी/ कन्या भूर्ण हत्या
लड़की की जिंदगी/ कन्या भूर्ण हत्या
Raazzz Kumar (Reyansh)
फितरत
फितरत
kavita verma
*गम को यूं हलक में  पिया कर*
*गम को यूं हलक में पिया कर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शहर में नकाबधारी
शहर में नकाबधारी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
प्रेमचंद ने ’जीवन में घृणा का महत्व’ लिखकर बताया कि क्यों हम
प्रेमचंद ने ’जीवन में घृणा का महत्व’ लिखकर बताया कि क्यों हम
Dr MusafiR BaithA
2691.*पूर्णिका*
2691.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रोम रोम है दर्द का दरिया,किसको हाल सुनाऊं
रोम रोम है दर्द का दरिया,किसको हाल सुनाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Struggle to conserve natural resources
Struggle to conserve natural resources
Desert fellow Rakesh
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
DrLakshman Jha Parimal
कैसे कांटे हो तुम
कैसे कांटे हो तुम
Basant Bhagawan Roy
सत्य आराधना
सत्य आराधना
Dr.Pratibha Prakash
हिंदी
हिंदी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Dr Archana Gupta
Loading...