रोम रोम है दर्द का दरिया,किसको हाल सुनाऊं
रोम रोम है दर्द का दरिया,किसको हाल सुनाऊं
बढ़ता ताप जल वायु प्रदूषण, कैसे जान बचाऊं
नष्ट हो रहे जल जंगल जमीन, जीवन को भारी खतरा है
अंधाधुंध दोहन से मेरा, घायल कतरा कतरा है
कैसे मैं खुद रहूं सुरक्षित, कैसे तुम्हें बचाऊं
कहां से लाऊं जल पीने को, कैसे तुम्हें खिलाऊं
विश्व पृथ्वी दिवस पर बच्चों,जतन करो बच जाऊं
विश्व पृथ्वी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
सजग रहें, पर्यावरण बचाएं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी