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22 Feb 2024 · 1 min read

प्रीति निभाना

प्रीत की रीत को समझे जो,
वे प्रीत को निभाना जानेगा।
दिल पर चोट ली हो जिसने,
वो नैना नीर बहाना जानेगा।।

प्रीत की रीत बड़ी निराली है,
आसानी से जिसे निभानी है।
प्रीत की रीत निभा पाओगे,
तभी प्रीत मीत संग करनी है।।

प्रीत अगर निभा सको तुम,
तो मन वचन कर्म से करना।
पग पग प्रीत में होता धोखा,
प्रीति किसी से सोच करना।।

पृथ्वीसिंह’ प्रीत सच्ची करना,
प्रीत की बात न कच्ची करना।
छलती प्रीति रीत से दूर रहो,
प्रीति नित नित सही करना।।

1 Like · 43 Views
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