Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 29 Next Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी) 17 Feb 2024 · 1 min read एक शिकायत वो कहता है होती है अजर-अमर आत्मा, ऊर्जा से बना ठोस पुतला ढल जाता है ऊर्जा ही में। फिर क्यों… भावनाओं की ऊर्जा को बांध दिया उसने ठोस शरीर के... Poetry Writing Challenge-2 84 Share Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी) 17 Feb 2024 · 1 min read मौलिक सृजन उसे विश्वास था मैं हाँ ही कहूंगा. इस उत्तर में, कि क्या ये मेरा मौलिक सृजन है? लेकिन, मैं निःशब्द था। क्योंकि केवल शब्द और उनसे बनी अभिव्यक्ति ही मेरी... Poetry Writing Challenge-2 73 Share Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी) 17 Feb 2024 · 1 min read स्वयम हूँ स्वयम से दूर मैं अपूर्ण हूँ, फिर भी मैं केवल मैं ही हूँ । स्वयम की स्वीकृति की साथ हूँ, लेकिन अपर्याप्त हूँ। मैं जानता हूँ कि वो निर्विकार मुझमे समाहित है लेकिन... Poetry Writing Challenge-2 43 Share Seema gupta,Alwar 17 Feb 2024 · 1 min read स्वार्थ से परे !! स्वार्थ से परे मैं फिर खोजती हूं वो बीता बचपन अपना.. जिन आंखों में था कंच जीतने का सपना, वक्त की धारा में ना जाने कहां खो गया, जवानी और... Poetry Writing Challenge-2 1 160 Share Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी) 17 Feb 2024 · 1 min read कविता का अर्थ तुम बताओगे मुझे कविता का अर्थ पूछा मतवाले बादल से वो हवा के साथ बह गया। पूछा हवा से तो वो रेत के कणों को तट के पास से उठाने... Poetry Writing Challenge-2 49 Share Seema gupta,Alwar 17 Feb 2024 · 1 min read पेड़ लगाएं पेड़ बचाओ !! पेड़ लगाओ,पेड बचाओ!! विश्व पर्यावरण दिवस है ,जल, जीवन, जंगल,जमीन, जान बचाओ, है सबकी गुहार, कोरोनाकाल में प्राणवायु की थी दरकार पेड़ों पर नहीं चले आरी रोको अब सब सरकार,... Poetry Writing Challenge-2 73 Share Seema gupta,Alwar 17 Feb 2024 · 1 min read अनमोल है ज़िन्दगी -अनमोल है जिंदगी जितना जिए कम है उतनी कम है जिंदगी..... कभी ग़म तो कभी खुशी है जिंदगी, कभी धूप तो कभी छांव है जिंदगी, नदी की तरह हर पल... Poetry Writing Challenge-2 76 Share Seema gupta,Alwar 17 Feb 2024 · 1 min read पीहर आने के बाद --पीहर आने के बाद✍️✍️ कितने भी बड़े क्यों हो जाएं, ससुराल से पीहर आने के बाद, मन बचपन हो ही जाता है, कभी मां की गोदी में सर रख सोना,... Poetry Writing Challenge-2 1 56 Share Seema gupta,Alwar 17 Feb 2024 · 1 min read धैर्य -धैर्य कोई टूट गया, कोई छूट गया, जो कहना वो कह दिया, वो अंतर्मन की दिवारो को टटोलता रह गया, धैर्य को धारण बिल्कुल नहीं रख सका, ग़लतफहमी में वो... Poetry Writing Challenge-2 1 97 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read मेरी आँखो से... खुल रहे हैं कुछ पन्नें देखो मेरी आँखो से छुपे है जिनमें करारे हर्फ और ढेर सारा दर्द बनकर कुछ शब्दों की माला पसंद आये तुम्हें जो कविता नज़्म या... Poetry Writing Challenge-2 3 210 Share Shutisha Rajput 17 Feb 2024 · 1 min read बरसाने वाली दुनिया दीवानी है बरसाने वाली की, किस्मत चमकी है इसका नाम जपने वालों की। है किशोरी जी की बात निराली, तभी तो है वो वृंदा वन की रानी। है दीवानी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 144 Share Seema gupta,Alwar 17 Feb 2024 · 1 min read सखा कान्हा और सुदामा -सखा कान्हा और कन्हैया कृष्ण और सुदामा, दोनों का गहरा था याराना, वर्षों बाद याद आई कृष्ण सखा की कि….था सुदामा को मिलने जाना, वो था भिक्षुक, कृष्ण था राजा,... Poetry Writing Challenge-2 59 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read मैं अवनि... मैं अवनि.... सदियों से ढ़ो रही हूँ भार नहीं आई कभी शिकन माथे पर अपने गर्भ में पालती रही हूँ मैं मनुज की उम्मीदों के फल समय समय पर देती... Poetry Writing Challenge-2 1 81 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read गठरी अहसानों के बोझ तले छोड़ गया आज वो अपने *अहसास* ले गया मन में कुछ सवाल निर्मल भावनाओं के लांघी थी कइयों ने उसके *मन की* *सीमा रेखा* आज.... उसकी... Poetry Writing Challenge-2 149 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल हटा उपल रास्ता बनेगा, तुम्हारे संँग काफ़िला बनेगा। चले सफर में ले साथ सबको, तभी सफल फ़लसफ़ा बनेगा। जतन से पाला उसी को तोड़ा, लगा जो गुल आसरा बनेगा। छिटक... Poetry Writing Challenge-2 103 Share Buddha Prakash 17 Feb 2024 · 1 min read धरा प्रकृति माता का रूप खुशहाली है जहाँ सदाबहार, ऐसी धरती है अपनी प्यारी, बोझ नहीं जो समझती तुमको, माँ की भांँति सब न्यौछावर करती। हरा–भरा वन उपवन , सागर, नदिया, झील-सरोवर, ऊँचे पर्वत और... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · प्रकृति की छाव में 1 193 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल क़िस्मत ने दिल्लगी की किसका कसूर माने। ओ आसमान वाले तेरा ही नूर मानें। खेले अजब अनोखे सब खेल जिंदगानी, हम खेल में अनाड़ी खुद को लंँगूर माने।। तेरे जहां... Poetry Writing Challenge-2 96 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read मेरा दिन भी आएगा ! गाँव का एक भतीजा, अठारह वर्ष का वह, कह रहा था- अंकल, मेरा दिन भी आएगा । जब पहुँचा वह, तीस, तब भी कह रहा था– अंकल, मेरा दिन भी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 159 Share Chunnu Lal Gupta 17 Feb 2024 · 1 min read " वो क़ैद के ज़माने " याद आतें हैं अक्सर वो, क़ैद के ज़माने वो, थालियों की लाइन गैरों से दोस्तानें सिसकती ज़िंदगियां अनसुलझे अफसाने वो, बेचैन रातें क़ैदी, नये-पुराने याद..................... वो, बेबसी, ग़म, लाचारी अल्फ़ाज़ो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 165 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 17 Feb 2024 · 1 min read मर्यादा पुरषोत्तम "मर्यादा पुरषोत्तम" पधारे राम धरती पर अवतार विष्णु का लेकर मर्यादित कर्म से अपने किया प्रहार दुष्टों पर निभाकर वचन पिता का बढ़ाया मान रघुकुल का निभाई रीत रघुकुल की... Poetry Writing Challenge-2 83 Share Rahul Singh 17 Feb 2024 · 1 min read राम मंदिर की सुंदरता विश्वास की बातें, अमर इतिहास, धर्म के सागर में, राम की नगरी बस। सिर्फ एक मंदिर नहीं, एक अद्भुत कहानी, भक्ति की प्रतीक, भावना की पहचानी। वानरों के श्रद्धालु, लक्ष्मण... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · Jay Shree RAM · कविता 93 Share Rahul Singh 17 Feb 2024 · 1 min read राष्ट्रीय विकास विकास की राह पर हम, सब मिलकर चले कदम। हर दिन नया संघर्ष, आगे बढ़ते अटल निरंतर। शिक्षा का प्रकाश फैलाएं, ज्ञान की आग में जलाएं। रोज़गार के मार्ग खोलें,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · देशभक्ति 147 Share Rahul Singh 17 Feb 2024 · 1 min read राष्ट्रीय एकता और अखंडता एकता का ज्योति जलाएं, सबको एकसाथ लाएं। भेद-भाव भुलाएं, सबको प्यार से आगे बढ़ाएं। विभाजितता को मिटाएं, सभी को गले लगाएं। विश्वास की डोर बाँधे, भाईचारे को सदा निभाएं। विविधता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 59 Share Rahul Singh 17 Feb 2024 · 1 min read प्राकृतिक सौंदर्य समुद्र की लहरें, ऊँचे पहाड़ों की चोटियाँ, प्राकृतिक सौंदर्य में विराजमान है विश्वास। चिड़ियों की मधुर गान का, रंगीन आकाश बन, प्रकृति का सौंदर्य स्वर्गीय है, जो हर किसी का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 202 Share भवेश 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन मेरा..! बचपन मेरा निकल रहा, जवानी की और चल रहा, वो डर मुझे यूं खल रहा, मैं डर रहा, मैं मर रहा, हर पल यूं ही तड़प रहा, ना दुख में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · बाल कविता 1 185 Share Mamta Rani 17 Feb 2024 · 1 min read अमित तुझको प्रीत तुझको गीत लिखूँ दिल से तुझको मनमीत लिखूँ पढ़कर मेरे शब्द भरे एहसास तु कविताओं में तुझको प्रीत लिखूँ चाहत जो दिल में, तेरी है हर पल जिंदगी... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 1 80 Share Rahul Singh 17 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति और मानव अब जगमगाते हैं शहर के नाटकी, प्रकृति की गोद में लुटाते न थे ये प्राणी। पेड़ों के संग खेला करते थे बचपन में, अब टेक के बदले इमारतों की दीवानी।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 61 Share Rahul Singh 17 Feb 2024 · 1 min read प्रेम का उत्तर जब संगीत होता है प्रेम का उत्तर, तब खुदा से होता है अपना गुज़ारा। हर सर्दी में गर्मी का अहसास होता है, जैसे गुजरता है वक़्त प्रेम का पैगाम होता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 81 Share Rahul Singh 17 Feb 2024 · 1 min read समाज की मोल सोच *जब धरती ने जिंदगी को सजाया,* *बदलाव का आगाज़ यहीं से हुआ।* *पुरानी सोचों को चुनौती देती,* *नई दिशाएँ, नए सपने लाती।* *तकनीक का जादू, संवेदनशीलता का रंग,* *समाज के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 112 Share Rahul Singh 17 Feb 2024 · 1 min read सामाजिक न्याय जब समाज विभाजित होता है, और असमानता चरम पर होती है। न्याय का सपना छलक जाता है, जब अधिकारियों का विश्वास टूट जाता है। समाज में बांटवारे की बातें उठाई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 153 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 17 Feb 2024 · 1 min read కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము కృష్ణా కృష్ణా నీవే మూలము.. ఆదివి నీవు, అనంతము నీవు శక్తి వి నీవు ముక్తి వి నీవు శాంతివి నీవు సహనము నీవు జ్ఞానము నీవు, గమ్యము నీవు విజయము నీవు అమరము నీవు... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 123 Share shahab uddin shah kannauji 17 Feb 2024 · 1 min read Ghazal بند آنکھوں میں تو دکھای دے از وے خاموش میں سنای دے تیرے احساس سے معطر ہو زرے زرے کو رہنمای دے پھول سا حسن دے تو لہجے کو اور... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 108 Share Nmita Sharma 17 Feb 2024 · 1 min read कविता वन्देमातरम का गीत गुनगुनायेंगे। हिन्दकीजमीं से असमां हिलायेंगे। कितने पुष्पशीष जमींदोज़ हो गये कितने अश्कमोती अंधेरों में खो गये। खून की इबादतों को जो न गायेंगे जा के जमीं से... Poetry Writing Challenge-2 79 Share Nmita Sharma 17 Feb 2024 · 1 min read कविता युवावीर लक्ष्य पर निगाहजिनकी अडिग अचल पग ऐसे युवा वीर मान देश का बढ़ातेहै मातृभूमि सेवा में निश-दिन तैयार रहे ऐसे युवा वीर गान जयहिन्द गाते है। त्याग और तपस्या... Poetry Writing Challenge-2 62 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read रिश्ते-नाते वह रिश्ते-नाते , जो सबको भाते दूर हैं जो अपने , पास उनको बुलाते स्वागत सत्कार करें , घर में जो भी आते नैनों में ओम अश्रु , भर आए... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 118 Share शशि कांत श्रीवास्तव 17 Feb 2024 · 1 min read जीवन क्षणभंगुर है "जीवन क्षणभंगुर है" ****************** यह ,मानव जीवन मिला है तुमको जी लो इसको -जी भर के तुम, क्योंकि,जीवन क्षणभंगुर जो है | पल भर का यह जीवन जो है भर... Poetry Writing Challenge-2 1 118 Share Nmita Sharma 17 Feb 2024 · 1 min read कविता गरीबी गरीबी का आलम इस कदर बढ़ रहा है कि खौफनाक मंजर सबको जकढ रहा है आदमी हीआदमी के खून का प्यासा चंद रुपयों की खातिर झूठ गढ़ रहा है... Poetry Writing Challenge-2 54 Share भवेश 17 Feb 2024 · 1 min read शतरंज दिमाग करता उसका मान है, समझदारो की वो पहचान है, शतरंज करता है उनकी शुद्धि, जिनकी होती है चतुर बुद्धि, आओ समझे इस शाही खेल को, राजा - रानी के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · बाल कविता · शतरंज 2 124 Share Nmita Sharma 17 Feb 2024 · 1 min read कविता प्रेम प्रेम समर्पण प्रेम तपस्या प्रेम जगत का सार है जिस उर में नहीं प्रेम उपजा वो जगती का भार है मीरा और राधा ने सब कुछ इसी प्रेम पर... Poetry Writing Challenge-2 61 Share शशि कांत श्रीवास्तव 17 Feb 2024 · 1 min read आदमी || *आदमी*|| वो आदमी ही तो है सभ्य समाज का सभ्य प्राणी पढ़ा लिखा और बुद्धजीवी फिर ,क्यों करता है व्यवहार जाहिलों और गवारों जैसा ? क्योंकि , वो आदमी... Poetry Writing Challenge-2 1 73 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read बारिश का मौसम यह है बारिश का मौसम सुनिए इसके अनुपम स्वर निर्झर का झर झर नदियों की कल कल बिजली की चमचम मेघों की गर्जन हवाओं की सनसन भंवरों की गुनगुन पंछियों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 148 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल गुलों से सजा वो हसीं इक शहर है न जाने लगी उसको कैसी नजर है। उखड़ने लगी सांस सड़कों की देखो न आया है राही न कोई खबर है। छुपा... Poetry Writing Challenge-2 67 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल गीत हो या ग़ज़ल आप स्वर दीजिए, साधना को नई एक लहर दीजिए। साथ में बैठकर दो घड़ी बोल लें, आप अपने हमें दो पहर दीजिए। नींद को बेच कर... Poetry Writing Challenge-2 80 Share Deepesh purohit 17 Feb 2024 · 1 min read वक्त गुजर जाएगा रुक जाए न कदम, कठिनाई लाख आएँ, हर परिस्थिति निश्चित ही बदल जाएगी। धीरज की डोर बाँधे, बढ़ते रहेंगे आगे, जो आयी है आँधी, जल्दी ही टल जाएगी।। घोर घटाओं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 76 Share VEDANTA PATEL 17 Feb 2024 · 1 min read *** एक दौर....!!! *** " एक दौर गया... एक दौर फिर आया...! तब क्या खोया... और अब क्या पाया...? कुछ हिसाब-किताब नहीं... बस मस्ती से हर दौर में मुस्कूराया...! राहें बनती रहीं... और मैं... Poetry Writing Challenge-2 104 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read मुलाकात आज हम फिर इक मुलाकात करते हैं, जीवन जो बीता अनुपात करते हैं, स्वर घात और प्रतिघात के छोड़ कर- चल आज फिर नई शुरूआत करते हैं। *********************************** संतोष सोनी... Poetry Writing Challenge-2 88 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read अखिला कुमुदिनी कल-कल तटिनी के तट पर कल, अखिला कुमुदिनी रहती थी, पल-पल मधुरिम स्वर में तब ही, कूका कुहुकिनी करती थी, यादों में तट कालिंदी के, उभरे दर्शन सारे आज- छल-छल... Poetry Writing Challenge-2 1 89 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ हैं दीपमाला सी, ज्योत ऋचा आदि शक्ति की, है दीपिका दीपावली सी, होली रंग है मुक्ति की, महि सिंधु शून्य है समेटती, अंतस अयन से जो सदा - माँ... Poetry Writing Challenge-2 1 140 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read अलसुबह सुनो मुक्त परिंदो का चह चहाना अल सुबह, सप्त सुर संँग छेड़ रहा रवि तराना अल सुबह, मुदित हो रही कली प्रभास के प्रथम् मिलन से- अहा! देखो गुलाब का... Poetry Writing Challenge-2 54 Share Jyoti Roshni 17 Feb 2024 · 1 min read लो फिर नया साल आ गया... लो फिर नया साल आ गया जुबां पर फिर वही सवाल आ गया। क्या कुछ अच्छा होगा अब के बरस या करने फिर ये बवाल आ गया। मची हुई है... Poetry Writing Challenge-2 107 Share Previous Page 29 Next