Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

कविता का अर्थ

तुम बताओगे मुझे
कविता का अर्थ
पूछा मतवाले बादल से
वो हवा के साथ
बह गया।
पूछा हवा से तो
वो रेत के कणों
को तट के पास से
उठाने की कोशिश में
समुद्र में मिल कर
लहरों में समा गयी।
समुद्र से पूछा
तो वो निहारने लगा
बर्फ भरी गगनचुम्बी
चोटियों को।
उन पर्वतों से कैसे पूछूं
उनका हृदय सख्त था।
जमी बर्फ को छूते हुए
चोटी पर पहुँचा
और गगन से पूछने लगा
तो गगन छिप गया
बादलों के पीछे।
बादल तो मतवाले थे….
प्रश्न अनुत्तरित रह गया !
इतने में जागा नींद से
बच्चों के हाथों के स्पर्श से
और मैं जान गया
कविता की मासूमियत,
कविता की कोमलता,
कविता का भोलापन।
जान गया कि
कविता शरारती है
लेकिन
सत्य भी तो यही है
कविता छू जाती है
सीधे मन को।
उसका स्पर्श
ईश्वर सरीखा है
फिर भी
उसे आवश्यक है
एक सक्षम सहारा।

Language: Hindi
30 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कभी अनुकूल होती है, कभी प्रतिकूल होती है (मुक्तक)*
*कभी अनुकूल होती है, कभी प्रतिकूल होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
*दहेज*
*दहेज*
Rituraj shivem verma
आज़ादी की जंग में यूं कूदा पंजाब
आज़ादी की जंग में यूं कूदा पंजाब
कवि रमेशराज
किसान
किसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वचन सात फेरों का
वचन सात फेरों का
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"दीया और तूफान"
Dr. Kishan tandon kranti
🙏
🙏
Neelam Sharma
दिल में कुण्ठित होती नारी
दिल में कुण्ठित होती नारी
Pratibha Pandey
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
Manju Singh
*शब्द*
*शब्द*
Sûrëkhâ Rãthí
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
Shekhar Chandra Mitra
2672.*पूर्णिका*
2672.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ तो याद होगा
कुछ तो याद होगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
औरतें नदी की तरह होतीं हैं। दो किनारों के बीच बहतीं हुईं। कि
औरतें नदी की तरह होतीं हैं। दो किनारों के बीच बहतीं हुईं। कि
पूर्वार्थ
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर
नूरफातिमा खातून नूरी
चांद को तो गुरूर होगा ही
चांद को तो गुरूर होगा ही
Manoj Mahato
राजनीति में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या मूर्खता है
राजनीति में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या मूर्खता है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सच तो यह है
सच तो यह है
Dr fauzia Naseem shad
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की   कोशिश मत करना
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की कोशिश मत करना
Anand.sharma
गुजरा वक्त।
गुजरा वक्त।
Taj Mohammad
ना हो अपनी धरती बेवा।
ना हो अपनी धरती बेवा।
Ashok Sharma
💐प्रेम कौतुक-370💐
💐प्रेम कौतुक-370💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नेता जब से बोलने लगे सच
नेता जब से बोलने लगे सच
Dhirendra Singh
छोटे गाँव का लड़का था मैं
छोटे गाँव का लड़का था मैं
The_dk_poetry
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
परिवार होना चाहिए
परिवार होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
అదే శ్రీ రామ ధ్యానము...
అదే శ్రీ రామ ధ్యానము...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
Loading...