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17 Feb 2024 · 1 min read

कविता

युवावीर
लक्ष्य पर निगाहजिनकी अडिग अचल पग
ऐसे युवा वीर मान देश का बढ़ातेहै

मातृभूमि सेवा में निश-दिन तैयार रहे
ऐसे युवा वीर गान जयहिन्द गाते है।

त्याग और तपस्या के तीर जिनके तरकश में
ऐसे युवा वीर शान रण की कहाते है।

मिट्टी का मोल अपने प्राणों से बढ़ के समझे
ऐसे युवा वीर जान देश की कहाते है।

साँसो का हर पुष्प देश को चढ़ाते जो
ऐसे युवा वीर पद निशान छोड़ जाते है।

कर्म, धर्म, योग, शक्ति ,धीर ,संस्कारी जो
ऐसे युवा वीर फिर महान बन जाते है।

नमिता शर्मा

Language: Hindi
44 Views
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