Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 20 Next Kanchan Alok Malu 19 Feb 2024 · 1 min read अंधकार में छाई एक धुंधली रात, अंधकार में छाई एक धुंधली रात, डर की चादर से लिपटा है हर कोना। सनसनी सी छाई, हवा में है ख़ौफ, मन में घूमते हैं अनजाने ख्याल। अंधकार में छाई... Poetry Writing Challenge-2 62 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read सूर्य की पहली किरण सूर्य की पहली किरण लेती है चुनौती अंधेरे की सत्ता में प्रविष्ट होने की और उसके साथ ही प्रवेश हो जाता है प्रकाश के साम्राज्य का जाग जाती है सारी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 51 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read महिला हमारी जननी , महिला हमारी पूरक जैसे किसी बीज को गोद में धरती सुलाती पालन पोषण करती और संबल उसका बनती सही समय आने पर उसे वह उठाती बीज में बसी थी जो दुनिया धरती उसमें... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 75 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read शब्द भेदी बाण दशरथ निपुण था शब्द भेदी बाण चलाने में शब्द सुनकर कौशलपूर्ण अनुमान लगाने में और अपने लक्ष्य को भेद जाने में और इसी निपुणता का बन गया था शिकार श्रवण... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 91 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read निरोगी काया ढूंढ रहे आज सब निरोगी काया पर प्रकृति के संग रहना ना आया दिनचर्या कर ली है अस्त-व्यस्त बताइए अब कैसे रहेंगे स्वस्थ देरी से जागना और देरी से सोना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 185 Share Kanchan Alok Malu 19 Feb 2024 · 1 min read नींद रात आई, छाई चाँदनी की रात, नींद ने खोला अपना सर्वराज। सपनों की दुनिया में ले गई मुझे, खोई हुई राहों में ले गई मुझे। चिरपिंग चींटियों की सुरीली छाया,... Poetry Writing Challenge-2 59 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read कृतज्ञता मेरे प्रभु रहा संग तू न मैं ये भूलूं, मेरे प्रभु असमर्थता की निर्जीवता में तू विश्वास के प्राण भरता रहा निराशा के अंधेरों में अक्सर टिमटिमाता, उजाला करता रहा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 54 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read चलो बीज बोते हैं चलो बीज बोते हैं। हरे भरे जीवन का सपना संजोते हैं। चलो बीज बोते हैं। संयम की धरती पर सब्र का बीज बोयेंगे सदाचार के पानी से सींचेंगे सुना है,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 110 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read गीत गज़ल की बातें गर्मी में हो जैसे बरसातें जब हों गीत गज़ल की बातें इंद्रधनुष रहता जिसके उर ऐसे नील गगन की बातें शहनाइयों की तान जैसी मन्द रम्य पवन की बातें बागों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 83 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read संजीवनी सी बातें होती हैं कुछ बातें जो हमें हौंसला देती हैं बुझते हुए मन को जो उमंग खोज ला देती है होती हैं कुछ बातें जो हमें हौंसला देती हैं। वो सार्थक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 114 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read गॉड पार्टिकल चलते चलते, उठते बैठते, यूं ही इधर उधर मिल जाता है अक्सर गॉड पार्टिकल वो बीज बन भूमि में जाता, सूर्य बन रश्मि छिटकाता वायु बन लहराता जंगल, बरसता बन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 66 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read बेहतर कल पाने को एक बेहतर कल उद्यम की ली है राह पकड़ इन राहों की नींदों को बोला कुछ विश्राम कर भेदने रात का कम्बल सूर्य क्षितिज में गया निकल पंछी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 66 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read कल एक बेहतर दिन होगा कल एक बेहतर दिन होगा। मनचाहा जब हासिल होगा। कल एक बेहतर दिन होगा। जो आज अधूरा छूट गया, जग जिससे मानो रूठ गया उद्यम की राह चलते चलते कल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 57 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली। माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली। सूने हैं घर - आँगन सारे सूनी छत , अमराई है, बहन ढूँढ़ती पल-पल तुझको रोता छुप - छुप भाई है।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 232 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read डर आंसू से डरते रहे आँखे रहीं भरी आने से पहले ही मुस्कुराहट चली गई रातों से डरते रहे शबनम नहीं मिली उपवन से फूलों से सजावट चली गई पतझड़ से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 111 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read क्या होता जो इस दुनिया में गम न होता क्या होता जो इस दुनिया में गम न होता? सच पूछो तब हँसने का भी मौसम न होता। कांटों की जो सेज न होती, फूल कहाँ पर सोते? जो ये... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 79 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read माँ वीणावादिनी माँ स्वरदायिनी बन मेरी रागिनी मुझको तरानों से भर दे गुनगुनाएं गीत मेरे सब ऐसी मेरी कलम कर दे माँ वीणावादिनी बन मेरी रक्षिणी मुझको अपना संबल दे लड़खड़ाएं न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 100 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read हरित - वसुंधरा। हरित - वसुंधरा। देख अम्बर मेघ फूलों के अधर लाली प्रेमरत मधुकर मगन, मकरंद, तरु- डाली, वल्लरी झूमे, पवन मुकुलित कली चूमे कर रही अरुणिम प्रभा रुत मत्त, मतवाली ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 160 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read हम कितने आँसू पीते हैं। हम कितने आँसू पीते हैं। तूफानों ने जब पर तोड़ा नहीं सलामत भी घर छोड़ा, देख-देख दिल के टुकड़ों को विवश,विकल होके जीते हैं हम कितने आँसू पीते हैं। प्रियजन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 127 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read अम्बर में अनगिन तारे हैं। अम्बर में अनगिन तारे हैं। रोज रात में खिल जाते हैं आपस में हिलमिल जाते हैं, रखते उर में वैर नहीं हैं मिलते जैसे गैर नहीं हैं। भूतल से लगते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 201 Share Poonam Matia 19 Feb 2024 · 2 min read *भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार* माँ-सम सुत को पालती, कृषि-कृषक उद्धार| गौ माता अन्नपूर्णा, जीवन का आधार || सूरज की है प्रतिनिधि, वसुओं को दे प्यार, आदित्यों की बहना है, शिव भी नन्दी सवार, मनवांछित... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 3 1k Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read अब तुझे रोने न दूँगा। अब तुझे रोने न दूँगा। छोड़ दे जग साथ तेरा दुर्दिनों में हाथ तेरा, दीन, निर्बल, बेसहारा मैं तुझे होने न दूँगा। अब तुझे रोने न दूँगा। राह के चुन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 127 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read होली की आयी बहार। होली की आयी बहार। बरसे अबीर, चले पिचकारी रंगों का आया त्योहार, होली खेले कृष्ण गोपी के संग में राधा करे इंतजार। रंगों की है बौछार होली की आयी बहार।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 113 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read होने को अब जीवन की है शाम। होने को अब जीवन की है शाम। पत्ते - पत्ते सूख रहे हैं गिरने की अब बारी, मधुमय डाली कर बैठी है पतझड़ की तैयारी। सावन के सब यत्न हुए... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 123 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2024 · 1 min read * डार्लिग आई लव यू * कल रात मैं चैन से सोया था अचानक खटिया हिलने लगी मैंने सोचा भूकम्प आ गया… मगर आँखे खोली तो देखा….. मेरी बीबी मुझ अदने से आदमी पर….. चढ़ाई कर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 101 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2024 · 1 min read * क्या मुहब्बत है ? * क्या मुहब्बत है ? कभी हमने तुमसे की कभी तुमने हमसे की ना जाने कब प्यार के सागर में ज्वार आया और क्रोधरूपी हलाहल निकला ……….. मैं शिव तो नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 95 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2024 · 1 min read * बचपन * गांव बचपन का भला या गांव का बचपन भला कौन जाने कब -कब किस ने किसको नहीं *** छला खेलते थे जब उछलकर पेड़ की डाली से हम बन्दरों को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 104 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2024 · 1 min read * भीम लक्ष्य ** भीम लक्ष्य था उस महा मानव का जिसने झेली तिरस्कार-पीड़ाएं और खोया अपनों को मानवहित खातिर हम आज किये हैं वाद अपने हित।। मित सीमित है स्वार्थ आज अपने विश्व... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 181 Share आर.एस. 'प्रीतम' 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल सुनाओ दर्द अपना तुम निकलकर हल भी आएगा अँधेरा आज है तो क्या उजाला कल भी आएगा/1 छिपाए राज बीमारी लगा देंगे छिपाओ मत लगा है नल अगर प्यारे कभी... Poetry Writing Challenge-2 62 Share Deepesh Dwivedi 19 Feb 2024 · 1 min read कही अनकही वे शब्द जो मैंने कहे नहीं, वे गीत जो तुमने सुने नहीं तुम मन अधरों से छू देना सारे मुखरित हो जाएंगे कल को यह देह रही न रही पर... Poetry Writing Challenge-2 72 Share Deepesh Dwivedi 19 Feb 2024 · 1 min read प्रथम संतति पुत्री तुमने गोद में आकर मुझको कितना बड़ा बनाया पहले तो मैं साधारण था तुमने ही तो पिता बनाया सारी खुशियां भर दी तुमने आखिर मेरी झोली में लेकिन मैं... Poetry Writing Challenge-2 102 Share Deepesh Dwivedi 19 Feb 2024 · 1 min read अपना कानपुर कानपुर कानपुर अपना प्यारा शहर मन में गंगा की उमंग तन में यमुना की लहर कानपुर -कानपुर अपना प्यारा शहर सृष्टि से पूर्व ब्रह्मा की तपस्थली देवयानी -ययाति की प्रेमस्थली... Poetry Writing Challenge-2 81 Share Deepesh Dwivedi 19 Feb 2024 · 1 min read बिटिया बड़ी हो गई दिव्या की वर्षगांठ पिता के उद्गार छुटकी कितनी बड़ी हो गई अपने पैरों खड़ी हो गई । बेटी भी है बेटा भी है मां की परम सहेली है जब तब... Poetry Writing Challenge-2 72 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल दिल ये जाके कहाँ बसा मेरा । कोई देता नहीं पता मेरा । लोग आते हैं, चाय पीते हैं, है नहीं जिनसे राब्ता मेरा । यार मिलते हैं तो रकीबों-से,... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 4 276 Share Deepesh Dwivedi 19 Feb 2024 · 1 min read वंदे मातरम बलिदानों का दुर्लभ अवसर कहीं न जाए बीत पहन बसंती चोला कवि अब गाओ क्रांति के गीत वंदे मातरम, बोलो, वंदे मातरम केसर की घाटी अपनी,पावन हिमशिखर हमारा स्वर्ण-रजत हिम... Poetry Writing Challenge-2 80 Share Deepesh Dwivedi 19 Feb 2024 · 1 min read समय यह भी व्यतीत हो जाएंगे ज्यों वे स्वर्णिम क्षण बीत गए सतचिन्मय दिव्य अनुदान मिले अमृतमय सब वरदान मिले परिपूरित शुभ आशीषों से ज्योतिर्मय निशा-विहान मिले कैसे मानूँ घनघोर तिमिर... Poetry Writing Challenge-2 92 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2024 · 1 min read * तेरी आँखें * आज भी मेरे अक्स को संभाले है ये तेरी आँखें देख शीशे में अपनी आँखों में आंखे डालकर नज़र आयेगी तुम्हारी आँखों में हमारी आँखें जिस्म की दूरियां भी नजदीकियां... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 103 Share Nmita Sharma 19 Feb 2024 · 1 min read कविता महात्मा गांधी पराधीनता के बंधन से जिसने किया हमें आजाद। ऐसे महापुरुष को भारत करता रहेगा युग-युग याद। कर्मठ त्याग तपस्वी सादा जीवन जिनके उच्च विचार। 'सत्य अहिंसा परमोधर्मा' की... Poetry Writing Challenge-2 56 Share Deepesh Dwivedi 19 Feb 2024 · 1 min read अन्वेषा वर्षगांठ अन्वेषा की अन्वी तुम आई जीवन मे तो मेरा शैशव लौट आया तेरी मीठी किलकारी से मेरा बचपन जागने लगा जो चलने को लाचार था तन वह द्रुत गति... Poetry Writing Challenge-2 53 Share Nmita Sharma 19 Feb 2024 · 1 min read कविता *ठंड का मौसम* सिकुड़न और ठंड का मौसम अब आया प्रात:काल ओस ने कब्जा जमाया। सूरज की किरणें लगने लगे प्यारी फूल,सब्जियां फैली हरियाली क्यारी। चाय की प्याली और गर्म-गर्म... Poetry Writing Challenge-2 58 Share Deepesh Dwivedi 19 Feb 2024 · 1 min read सैनिक का प्रयाण माथे पर तिलक लगा दे मां ला मीठा दही खिला दे मां मेरी फिर आज परीक्षा है तू हंस कर मुझे विदा दे मां वैरी ने धावा बोला है फिर... Poetry Writing Challenge-2 66 Share Nmita Sharma 19 Feb 2024 · 1 min read कविता *शिक्षा* आत्मबोध व स्वाभिमान का ज्ञान कराये वो शिक्षा, मानवता का मानव को ज्ञान कराये वो शिक्षा । पढ़ लिख कर बस धन अर्जन और स्वार्थ भाव से प्रेरित हो... Poetry Writing Challenge-2 74 Share Deepesh Dwivedi 19 Feb 2024 · 1 min read वार्ता नयनो से वार्ता की नई रीति हो गई अंतर में सूक्ष्म भावों की अनुभूति हो गई जीवन में राम आए तो आराम हो गया स्नेह जब उदित हुआ तो प्रीति... Poetry Writing Challenge-2 49 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2024 · 1 min read * बस एक तेरी ही कमी है * अब मैं अपनी बर्बादियों से क्या कहूं वो आबाद रही जीवनभर मैं भागता रहा जीवनभर और सलीका मुझे जीने का कब था मैं यूंही राहे-जिंदगी में आ गया वो मुझको... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 90 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 19 Feb 2024 · 1 min read आस्था राम पर आस्था राम पर ये सनातन सत्य है इसे आज तक ना कोई भेद पाया जो भी डूबा इसमें उसने ही इसके भेद को पाया तुम हमारी आस्था पर चोट क्यों... Poetry Writing Challenge-2 74 Share Deepesh Dwivedi 19 Feb 2024 · 1 min read मतवाला प्यास ना मेरी बुझेगी इससे दूर हटा लो अपना प्याला खुशियों का मधु तुम्हें मुबारक हम तो पीते दर्द की हाला इस दुनिया में नहीं दोस्तों मिलता सबको हंसने का... Poetry Writing Challenge-2 68 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2024 · 1 min read * फर्क दिलों-जिस्म में हो ना * ** फ़िजा में आज घुली है जमाने-भर की आबे-बू कुछ क्षण गुस्ल कर लूं प्यार की बारिश में यूं।। खुदा की खुदाई आये मेरे आँचल में चुपके से मुझे ना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 93 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2024 · 1 min read * रात्रि के बाद सुबह जरूर होती है * निशा आती है दिनभर की थकान के बाद अँधेरा धीरे धीरे घना होता जाता है पर फिर भी थके हारे श्रमिक के मन को भाती है क्योकि वह दिनभर की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 105 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल थोड़ा-थोड़ा-सा काम का हूँ मैं । कौन क्या है ये जानता हूँ मैं ? यूँ नहीं आपसे मेरा रिश़्ता, आपको दिल से मानता हूँ मैं । दूसरों को कभी नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 154 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2024 · 1 min read * मुस्कुराते हैं हम हमी पर * मुस्कुराते हैं हम हमी पर कभी थे हम आसमां पर आज भी हैं हम जमीं पर कल क्या हो सरजमीं पर।। मुस्कुराते हैं हम हमी पर कभी थे हम आसमां... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 117 Share Previous Page 20 Next