Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

माँ वीणावादिनी

माँ स्वरदायिनी
बन मेरी रागिनी
मुझको तरानों से भर दे
गुनगुनाएं गीत मेरे सब
ऐसी मेरी कलम कर दे

माँ वीणावादिनी
बन मेरी रक्षिणी
मुझको अपना संबल दे
लड़खड़ाएं न शब्द कभी भी
ऐसी मेरी पकड़ कर दे

माँ श्वेताम्बरी
बन मेरी रोशिनी
मुझको उजालों का घर दे
जगमग जगमग दीप जलें माँ
ऐसा मेरा जीवन कर दे

माँ हंस वाहिनी
बन मेरी संगिनी
राह मेरी सरल कर दे
झटपट मंजिल तक पहुँचे
ऐसी मेरी डगर कर दे

Language: Hindi
2 Likes · 80 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मंगल मय हो यह वसुंधरा
मंगल मय हो यह वसुंधरा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
रिश्ते
रिश्ते
Punam Pande
*देश भक्ति देश प्रेम*
*देश भक्ति देश प्रेम*
Harminder Kaur
ये सर्द रात
ये सर्द रात
Surinder blackpen
नहीं विश्वास करते लोग सच्चाई भुलाते हैं
नहीं विश्वास करते लोग सच्चाई भुलाते हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
जिंदगी को खुद से जियों,
जिंदगी को खुद से जियों,
जय लगन कुमार हैप्पी
"समय के साथ"
Dr. Kishan tandon kranti
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
Mahender Singh
रात बदरिया...
रात बदरिया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
भय
भय
Shyam Sundar Subramanian
धीरे-धीरे ला रहा, रंग मेरा प्रयास ।
धीरे-धीरे ला रहा, रंग मेरा प्रयास ।
sushil sarna
जिससे एक मर्तबा प्रेम हो जाए
जिससे एक मर्तबा प्रेम हो जाए
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हम तुमको अपने दिल में यूँ रखते हैं
हम तुमको अपने दिल में यूँ रखते हैं
Shweta Soni
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
■ कमाल है साहब!!
■ कमाल है साहब!!
*प्रणय प्रभात*
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*
*"माँ महागौरी"*
Shashi kala vyas
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
मंजिल
मंजिल
Kanchan Khanna
फितरत
फितरत
लक्ष्मी सिंह
मेरा गांव
मेरा गांव
अनिल "आदर्श"
दिखा दूंगा जहाँ को जो मेरी आँखों ने देखा है!!
दिखा दूंगा जहाँ को जो मेरी आँखों ने देखा है!!
पूर्वार्थ
उसके क़दम जहां भी पड़ते हैं,
उसके क़दम जहां भी पड़ते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम्हें पाना-खोना एकसार सा है--
तुम्हें पाना-खोना एकसार सा है--
Shreedhar
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
Anand Kumar
*सुवासित हैं दिशाऍं सब, सुखद आभास आया है(मुक्तक)*
*सुवासित हैं दिशाऍं सब, सुखद आभास आया है(मुक्तक)*
Ravi Prakash
2689.*पूर्णिका*
2689.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सफल हुए
सफल हुए
Koमल कुmari
सत्य की खोज
सत्य की खोज
dks.lhp
Loading...