Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2023 · 1 min read

नहीं विश्वास करते लोग सच्चाई भुलाते हैं

नहीं विश्वास करते लोग सच्चाई भुलाते हैं
दबी उम्मीद बंज़र भू से फूलों की लगाते हैं

आर. एस. ‘प्रीतम’

1 Like · 466 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
मीना
मीना
Shweta Soni
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
Rajesh
दीप माटी का
दीप माटी का
Dr. Meenakshi Sharma
मस्ती का त्योहार है,
मस्ती का त्योहार है,
sushil sarna
खामोशी से तुझे आज भी चाहना
खामोशी से तुझे आज भी चाहना
Dr. Mulla Adam Ali
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
तारीख़ के बनने तक
तारीख़ के बनने तक
Dr fauzia Naseem shad
***होली के व्यंजन***
***होली के व्यंजन***
Kavita Chouhan
मुश्किल है कितना
मुश्किल है कितना
Swami Ganganiya
नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी
Dr.Pratibha Prakash
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
Rj Anand Prajapati
*चाँद को भी क़बूल है*
*चाँद को भी क़बूल है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
चाहते हैं हम यह
चाहते हैं हम यह
gurudeenverma198
शून्य से अनन्त
शून्य से अनन्त
The_dk_poetry
गोधरा
गोधरा
Prakash Chandra
फ़िलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष: इसकी वर्तमान स्थिति और भविष्य में शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
फ़िलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष: इसकी वर्तमान स्थिति और भविष्य में शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
आया दिन मतदान का, छोड़ो सारे काम
आया दिन मतदान का, छोड़ो सारे काम
Dr Archana Gupta
ख़्वाब
ख़्वाब
Monika Verma
Miracles in life are done by those who had no other
Miracles in life are done by those who had no other "options
Nupur Pathak
अतीत
अतीत
Neeraj Agarwal
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
Ajay Kumar Vimal
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*खाओ जामुन खुश रहो ,कुदरत का वरदान* (कुंडलिया)
*खाओ जामुन खुश रहो ,कुदरत का वरदान* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
अरब खरब धन जोड़िये
अरब खरब धन जोड़िये
शेखर सिंह
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ड्रीम-टीम व जुआ-सटा
ड्रीम-टीम व जुआ-सटा
Anil chobisa
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
PK Pappu Patel
परमात्मा से अरदास
परमात्मा से अरदास
Rajni kapoor
चल रे घोड़े चल
चल रे घोड़े चल
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...