Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2023 · 1 min read

ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन

ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन त महुं बेचहुं, अगर तुमन पुरानेच रद्दा‌ मा चलहुं कइहा त कभु डाँ. अम्बेडकर, डाँ. कलाम नइ‌ बन सका।

Language: Chhattisgarhi
185 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इंसान
इंसान
विजय कुमार अग्रवाल
आपकी क्रिया-प्रतिक्रिया ही आपकी वैचारिक जीवंतता
आपकी क्रिया-प्रतिक्रिया ही आपकी वैचारिक जीवंतता
*Author प्रणय प्रभात*
"ग़ौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
रूप से कह दो की देखें दूसरों का घर,
रूप से कह दो की देखें दूसरों का घर,
पूर्वार्थ
3036.*पूर्णिका*
3036.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
आह्वान
आह्वान
Shyam Sundar Subramanian
हाथी के दांत
हाथी के दांत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फूल और खंजर
फूल और खंजर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गौरैया
गौरैया
Dr.Pratibha Prakash
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
sushil sarna
तेरी चाहत का कैदी
तेरी चाहत का कैदी
N.ksahu0007@writer
"मेरी जिम्मेदारी "
Pushpraj Anant
"संघर्ष "
Yogendra Chaturwedi
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
Dr. Man Mohan Krishna
मुझे क्रिकेट के खेल में कोई दिलचस्पी नही है
मुझे क्रिकेट के खेल में कोई दिलचस्पी नही है
ruby kumari
‼ ** सालते जज़्बात ** ‼
‼ ** सालते जज़्बात ** ‼
Dr Manju Saini
*परिवार: नौ दोहे*
*परिवार: नौ दोहे*
Ravi Prakash
सत्य साधना
सत्य साधना
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
वट सावित्री व्रत
वट सावित्री व्रत
Shashi kala vyas
"व्‍यालं बालमृणालतन्‍तुभिरसौ रोद्धुं समज्‍जृम्‍भते ।
Mukul Koushik
बुद्ध के बदले युद्ध
बुद्ध के बदले युद्ध
Shekhar Chandra Mitra
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
gurudeenverma198
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
नेताम आर सी
"मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है,
शेखर सिंह
चाँद और इन्सान
चाँद और इन्सान
Kanchan Khanna
"जब आपका कोई सपना होता है, तो
Manoj Kushwaha PS
कभी कभी पागल होना भी
कभी कभी पागल होना भी
Vandana maurya
3) मैं किताब हूँ
3) मैं किताब हूँ
पूनम झा 'प्रथमा'
Loading...